Koderma : 2024 में मोदी सरकार वापस आई तो देश में बचा खुचा लोकतंत्र, संविधान और न्याय खत्म हो जाएगा. शांति का मतलब विरोध की हर आवाज़ की दबा देना है. गुजरात के चुनावी सभाओं में जिस तरह से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 2002 की धमकी दे रहे हैं, यह देश के लोकतंत्र और न्याय पसंद जनता को खुली चेतावनी है. ये बातें भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कोडरमा में आयोजित राज्यस्तरीय कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कही.
गुजरात में धार्मिक ध्रुवीकरण किया जा रहा- दीपांकर
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि गुजरात चुनाव में जनता के सवालों पर बात करने के बजाय धर्मिक ध्रवीकरण किया जा रहा है. गृह मंत्री द्वारा यह कहना कि गुजराती महंगाई झेल लेंगे, लेकिन रोहिंग्या और बांग्लादेशी बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह पूरी तरह देश की जानता के साथ भद्दा मजाक है. मोदी सरकार मंहगाई का मुकाबला नफरत से करना चाहती है. यह देश की विविधता और साझी विरासत पर हमला है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने बहुसंख्यकों को खुश करने का रास्ता तय कर लिया है.
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2024 का चुनाव फासीवादी तरीके से कराने की तैयारी- दीपांकर
माले नेता ने कहा कि इस बार महंगाई, बेरोजगारी, भूखमरी जैसे सवाल के बजाय फिर फासीवादी तरीके से मंदिर मस्जिद के नाम पर कराने की तैयारी शुरु हो गई है. आदिवासी महिला कमजोर तबकों के लिए भी न्यायपालिका सुरक्षा नहीं दे पाएगी. कोलेजियम को खत्म कर दिया गया. अब नियुक्तियां सरकार के इशारे पर होगी. अब तो चुनाव आयोग, आईएएस, आईपीएस, न्यायपालिका सब सरकार के दबाव में काम करेंगे. उन्होंने कहा कि किसान आन्दोलन हुए, बड़े आन्दोलन में चुनाव को भी आन्दोलन में तब्दील कर देना होगी, तभी फासीवादी सरकार के लिए बड़ा संकट खड़ा किया जा सकता है. 2024 में मोदी से छुटकारा पाना है तो सभी पार्टियो को मिलाकर एक बड़ी गोलबंदी होनी चाहिए. इस दौर में हमारी पहचान वैचारिक संघर्ष की है. हमें सबको समेटना होगा. आर्थिक आधर पर आरक्षण की बात सरकार कर रही है.
किसान-मजदूरों की एकता की जरूरत- विनोद सिंह
वहीं माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि समूह के साथ-साथ सामूहिक पहल की जरूरत है. तानाशाही सरकार की जन विरोधी नीतियों से लड़ने के लिए पंचायत स्तर पर केन्द्र प्रायोजित योजनाओं से जुडे़ मानदेय कर्मियों को संगठित करना होगा. तभी देश से कम्पनी राज को परास्त किया जा सकता है. इस बड़े अभियान में किसान और मजदूरों की बडी भूमिका और एकता की ज़रुरत है.
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जिला सचिवों ने पेश किए रिपोर्ट
कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के राज्य सचिव मनोज भक्त ने किया. वहीं पोलित ब्यूरो सदस्य जनार्दन प्रसाद ने अपने सम्बोधन में पार्टी महाधिवेशन के कार्यभार पर प्रकाश डाला. कार्यशाला में सभी जिला सचिवों ने अपने जिले की रिपोर्ट पेश किए. कार्यशाला में केंद्रीय कमिटी सदस्य शुभेंदु सेन, गीता मंडल पूर्व विधायक राजकुमार यादव, राज्य स्थाई कमेटी के सदस्य बीएन सिंह, सीता राम सिंह, मोहन दत्ता, भुवनेश्वर केवट रविंदर भुइंया, देवकीनंदन बेदिया, भुनेश्वर बेदिया,राजेश यादव उस्मान अंसारी, पूरन महतो, देवदीप सिंह, दिवाकर राजेंद्र मेहता, विजय पासवान आदि नेताओं ने अपने विचार रखे.
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