Pravin Kumar / Gyan Kumar
Keredari / Barkagaon (Hazaribagh) : बड़कागांव के साव परिवार पर लोगों को भड़का कर आंदोलन के आमदनी का धंधा का आरोप यूं ही नहीं लगाया जा रहा है. विस्थापितों का कहना है कि अपना हित साधने के लिए साव परिवार द्वारा पहले लोगों को भड़काया जाता है, फिर और तरह-तरह के सपने दिखा कर बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं. लेकिन जैसे ही उनका हित पूरा होता है, सारे वादे,लोगों को दिखाए सपनों को भूल जाते हैं,. पूर्व विधायक निर्मला देवी और योगेंद्र साव द्वारा बड़कागांव में किसान बचाओ अधिकार महारैली और कफन सत्याग्रह आंदोलन के दौरान बड़े-बड़े वादे तो किये गए, लेकिन आज तक पूरा नहीं किया गया. दोनों गोलीकांड के पीड़ितों की साव परिवार ने आज तक सुध नहीं ली. उनका इस्तेमाल सिर्फ कंपनी और प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए मुकदमा करवाने के लिए किया गया. पूरी बातें जानने के लिए शुभम संदेश ने दोनों गोलीकांड के पीड़ितों और आंदोलन में सक्रिय रहे लोगों से बातचीत की है.
ढेंगा गोलीकांड के भूल गए वादे, पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ा
बड़कागांव के ढेंगा में पूर्व विधायक योगेंद्र साव और निर्मला देवी द्वारा 14 अगस्त 2015 को किसान अधिकार महारैली का आयोजन किया गया था. आयोजन के दौरान भगदड़ मची. पुलिस-पब्लिक में झड़प हुई. उग्र भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें छह लोगों जुबैदा खातून, संजय राम, श्रीचंद राम,मंटू सोनी, सन्नी देवल राम, संतोष राम को गोली लगी थी. सभी घायलों को जेल भेज दिया गया, लेकिन किसान के नाम उनके द्वारा एनटीपीसी के आरएनआर के निर्माणाधीन कॉलोनी में धरना दिया गया, सभा की गयी. जिसका मकसद कॉलोनी के निर्माण को ठप करना बताया जाता है. इस दौरान वहां भगदड़मची. फिर दुबारा वहां न तो धरना हुआ, और न इस मुद्दे को उठाया गया. अचानक साव परिवार ने चुप्पी साध ली. इससे पहले एनटीपीसी के लिए बन रहे कन्वेयर बेल्ट और बिजली सब स्टेशन में धरना दिया गया.लेकिन अचानक कुछ दिन बाद सब शांत.कोई चर्चा दुबारा नहीं सुना गया। उपरोक्त धरना के नाम कितने लोगों-रैयतों को क्या अधिकार मिला आज तक कोई नहीं जानता.
चिरुडीह गोलीकांड में तीन नाबालिग सहित चार की मौत, पर भूल गया साव परिवार
ढेंगा गोलीकांड के करीब एक साल बाद एक अक्टूबर 2016 को पूर्व विधायक निर्मला देवी और योगेंद्र साव द्वारा कफन सत्याग्रह आंदोलन किया गया. इस आंदोलन के दौरान भी पुलिस-पब्लिक में झड़प हुई, जिसमें तीन नाबालिगों सहित चार लोगों की मौत हुई. घटना को लेकर बड़कागांव थाना में कांड संख्या 228/16 दर्ज किया गया. पुलिस केस में बताया गया कि योगेंद्र साव अपने बेटे की कंपनी को 30 प्रतिशत काम दिलाने का दबाव बनाने के लिए आंदोलन कर रहे थे. पुलिस के दावे पर ट्रायल के बाद कोर्ट ने निर्मला देवी-योगेंद्र साव को10-10 साल की सजा सुनायी.
वायरल ऑडियो में 90 % खुद मांग रहे पूर्व मंत्री साव
एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें पंकरी- बरवाडीह में 30 प्रतिशत काम मांगने और चट्टी बरियातू में 90 प्रतिशत काम मांगने की बात की जा रही है. ऑडियो योगेंद्र साव का बताया गया था.
गोलीकांड पर भावनात्मक कार्ड
ढेंगा व चिरूडीह गोलीकांड को लेकर विधानसभा चुनाव में भावनात्मक कार्ड खेलकर वोट मांगा गया. अंबा प्रसाद चुनाव जीतकर विधायक बनीं. विधायक बनने के बाद अंबा प्रसाद सिर्फ मम्मी-पापा की बात करती रहीं, लेकिन गोलीकांड में घायलों-पीड़ित लोगों को नाम लेना मुनासिब नहीं समझा. न तो गोलीकांड के मृतकों के आंसू पोछने का ही कोई प्रयास किया गया.
पीड़ितों की सुध नहीं ली, 100 रुपये किराया दिया गया
गोलीकांड के किसी भी पीड़ित की साव परिवार द्वारा कोई सुध नहीं ली गयी और न ही पीड़ितों द्वारा दर्ज कराए गए केस पर कोई कार्रवाई कराने का प्रयास किया गया. ढेंगा गोलीकांड के पीड़ित न्याय के लिए खुद केस लड़ रहे हैं. चिरुडीह कांड में डाड़ीकला निवासी मृतक महताब के पिता ने बताया कि मदद के नाम पर आज तक पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने मात्र सौ रुपये दिया है. कहते हैं कि गोलीकांड में उनका बेटा मारा गया. लेकिन मुआवजे के नाम पर उन्हें क्या मिला. आंदोलन में आने-जाने के भाड़ा के नाम पर पूर्व मंत्री द्वारा सिर्फ 100 रुपए दिए गए. वहीं बड़कागांव स्थित गुरुचट्टी की पीड़ित महिला जावेदा खातून ने बताया कि उन्हें गोली लगी. शरीर में गोली आज भी अटकी हुई है. उसके इलाज के लिए किसी ने कुछ नहीं दिया. कई बार पूर्व विधायक निर्मला देवी से गुहार लगाई, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ.