बुक बैंक व ट्वॉय बैंक के माध्यम से जरूरमंदों की कर रहे मदद
Ranchi : फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष और रांची के वर्तमान सांसद संजय सेठ द्वारा पिछले पांच वर्षों में किये गये विकास कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि सांसद द्वारा सामाजिक विकास से लेकर, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयास किये गये हैं. विगत वर्षों में सांसद ने लोकसभा में अपनी शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराई है. सवालों के मामले में भी सांसद सक्रिय रहे हैं. क्षेत्र के मुद्दों को उन्होंने मुखरता से लोकसभा में रखा है. यह भी प्रसन्नता का विषय है कि हमारे सांसद को दादासाहेब फाल्के संस्थान द्वारा बेस्ट आइकॉन एमपी झारखंड के रूप में चयनित किया गया. सांसद संजय सेठ ने पुनः रांची लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया है.
चैंबर अध्यक्ष मंत्री ने कहा कि सांसद संजय सेठ के प्रयास से रातू रोड में एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण, बड़गाईं में वाटर ट्रिटमेंट प्लांट का निर्माण, झिरी में गेल इंडिया के सहयोग से 300 टन के कचरा निस्तारण प्लांट का निर्माण, तुपुदाना में एसटीपी प्लांट का निर्माण, रांची आउटर रिंग रोड के लिए बजटीय स्वीकृति, रांची एयरपोर्ट पर कोल्ड स्टोरेज और तीन नये एयरोब्रिज का निर्माण, पांच साल से अधिक पुरानी सड़कों के सृदृढ़ीकरण का प्रयास, रांची-हटिया रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास, नयासराय में आरओबी का निर्माण, मेसरा में नये रेलवे स्टेशन का निर्माण, आनंद विहार की तर्ज पर पिस्का नगड़ी रेलवे स्टेशन का विकास, सांसद खेल महोत्सव का आयोजन और रांची से वंदे भारत एक्सप्रेस का परिचालन संभव हो सका है. सांसद सेठ ने ऐसे ही कई विकास के कार्य कराये हैं, तो रांची के लिए उदाहरण है.
सांसद संजय सेठ द्वारा शुरू किये गये बुक बैंक के माध्यम से जहां लाखों जरूरतमंद बच्चों को निःशुल्क पुस्तकें उपलब्ध हो रही है, वहीं ट्वॉय बैंक के माध्यम से निर्धन बच्चों को खिलौने भी उपलब्ध हो रहे हैं. हमारे लिए गर्व का विषय है कि रांची के वर्तमान सांसद हमारी संस्था के पूर्व अध्यक्ष भी हैं और वे शुरू से ही सामाजित-धार्मिक कार्यों के साथ ही उद्योग -व्यापार के विकास के लिए कार्य करते रहे हैं. सांसद के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि रांची -बोकारो एक्सप्रेस वे परियोजना और कोल इंडिया के सीएसआर से लगभग 68 करोड़ की लागत से पुस्तकालय का निर्माण कार्य आरंभ हुआ है.
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