New Delhi : तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अन्य मुद्दों को पर बातचीत के लिए तैयार हो गई है. केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को बातचीत का प्रस्ताव दिया है. साथ ही किसान संगठनों से पांच नेताओं के नाम मांगे हैं, जो बातचीत के दौरान सरकार के साथ बैठक करेंगे. किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एमएसपी और अन्य मुद्दों पर पैनल के लिए सरकार ने किसान संघों से पांच नाम मांगे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा चार दिसंबर को होने वाली बैठक में नाम तय करेगा.
एसकेएम 4 दिसंबर की बैठक में फैसला करेगी
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एमएसपी और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए एक समिति गठित करने के लिए केंद्र ने संयुक्त किसान मोर्चा से पांच नाम मांगे हैं. इसका फैसला किसान संघों की अंब्रेला बॉडी यानी एसकेएम अपनी 4 दिसंबर की बैठक में करेगी. यह कदम संसद के दोनों सदनों द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पारित करने के एक दिन बाद आया है, जिसके खिलाफ किसान एक साल से विरोध कर रहे हैं. पाल ने बताया, आज, केंद्र ने एसकेएम से उस समिति के लिए पांच नाम मांगे हैं, जो फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर विचार करेगी. हमने अभी तक नामों पर फैसला नहीं किया है. हम इसे 4 दिसंबर की बैठक में तय करेंगे. एसकेएम, 40 से अधिक फार्म यूनियनों की एक संयुक्त शाखा है, जो कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित तीन कृषि कानूनों और उनकी अन्य मांगों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है.
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टीकरी बार्डर पर आंदोलन खत्म होने की चर्चा
वहीं, आंदोलनकारी किसानों के टीकरी बार्डर पड़ाव में मंगलवार को हर तरफ आंदोलन के खत्म होने को लेकर चर्चाएं चलती रहीं. हर तरफ लोग गुफ्तगू करते नजर आये कि आंदोलन जल्द खत्म हो सकता है. लेकिन बार्डर पर हुई सभा में संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से हर किसान नेता ने कहा कि संगठन का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला करेगा, उसका पालन किया जायेगा. वहीं, दिल्ली पुलिस ने बार्डर पर सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिये हैं. इस दौरान मंगलवार को पंजाब किसान यूनियन की प्रधान जसबीर कौर नट ने कहा कि किसानों ने सरकार पर दबाव बनाया है, जिस कारण प्रधानमंत्री को कानून वापस लेने पड़े. हम सभी मांगें मनवाकर यहां से लौटेंगे. बीकेयू पंजाब के लखविंद्र सिंह पीर मोहम्मद ने कहा कि अभी तक हमारा कोई भी फैसला यहां रहने का या जाने का नहीं हुआ है. संयुक्त किसान मोर्चा जो भी फैसला लेगा,
एसकेएम की कॉल का होगा पालन : किसान नेता
टीकरी बॉर्डर पर किसानों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा. तय समयानुसार यहां किसान सभा हुई और अनेक किसानों व नारी शक्ति ने यहां पहुंचकर धरनारत किसानों को समर्थन दिया. सभा को संबोधित करते हुए कई वक्ताओं व किसान नेताओं ने कहा कि किसानों संघर्ष व एकजुटता के चलते उक्त कृषि कानून वापस लिए गए है लेकिन जब तक किसानों की अन्य मांगें पूरी नहीं होती और संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आंदोलन को लेकर कोई निर्णय नहीं आता तब तक उनका धरना लगातार जारी रहेगा.
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