Ranchi : पत्रकार रूपेश कुमार की रिहाई के लिए मुंबई प्रेस क्लब और डार्ट सेंटर फॉर जर्नलिज्म एंड ट्रॉमा ने पत्र लिखा है. यह पत्र झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, एनआईए डीजी और डीजीपी को लिखा गया है. पत्र में लिखा गया है कि 17 जुलाई,2020 को झारखंड के एक स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. रूपेश कुमार सिंह को तत्काल बिना शर्त रिहाई की व्यवस्था करनी चाहिए और उनके काम के प्रतिशोध में लाए गए सभी जांचों को वापस लेना चाहिए. पढ़ें – SBI में स्पेशलिस्ट ऑफिसर पदों पर निकली वैकेंसी, 20 सितंबर से पहले करें आवेदन
जवाबी कार्रवाई में रूपेश को निशाना बनाया है
पत्र में लिखा गया है कि हमने उन आरोपों की समीक्षा की है, कि अधिकारियों ने आदिवासी समुदायों के अधिकारों पर व्यापक रिपोर्टिंग के लिए जवाबी कार्रवाई में रूपेश सिंह को निशाना बनाया गया है.17 जुलाई, पुलिस ने रूपेश के घर पर नौ घंटे छापेमारी की, जिसमें प्रक्रियात्मक अनियमितताएं थीं. पुलिस ने पत्रकार के दो मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, एक हार्ड ड्राइव और अन्य व्यक्तिगत सामान को जब्त कर लिया, जिससे उसे पांच महीने पहले 16 फरवरी, 2022 के वारंट के संबंध में गिरफ्तार किया गया था.
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नक्सलियों को विस्फोटक पदार्थ पहुंचाने का आरोप
बता दें कि गिरफ्तार पत्रकार रुपेश पर बिहार-झारखंड के कई जिलों में नक्सलियों को विस्फोटक पदार्थ पहुंचाने का आरोप है. तीन वर्ष पूर्व शेरघाटी, गया में पुलिस ने रामगढ़ से कार से विस्फोटक पदार्थ ले जाने के क्रम में रुपेश समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. छह माह बाद जेल से छूटकर आने के बाद वह पुन: नक्सली गतिविधियों में शामिल हो गया था. रुपेश स्वयं को स्वतंत्र पत्रकार का परिचय देकर रामगढ़ में पूरे परिवार के साथ रह रहा था. कांड्रा थाना कांड संख्या-67/21 के तहत रुपेश सिंह पर नक्सली गतिविधि के मामले में प्राथमिकी दर्ज है. कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था.
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