Ranchi: खादगढ़ा में बिरसा मुंडा बस टर्मिनल को बने पांच साल हो गए फिर भी नगर निगम यहां पर कोई भी व्यवस्था नहीं बना पाया. पूरे बस स्टैंड परिसर में बस संचालकों की मनमानी चलती है. बसों को नियत स्थान पर खड़ा करने के लिए कोई नियम कायदा नहीं है. यहां पर टर्मिनल के पूछताछ काउंटर से लेकर टिकट काउंटर तक खाली हैं. परिसर में बसों को खड़ी करने के नियम कायदे भी बस संचालकों की मर्जी पर निर्भर है. जहां मन हुआ संचालक अपनी बसों को खड़ी कर उसके सामने ही अपने एजेंट के माध्यम से टिकट बुकिंग का कार्य कराते हैं. व्यवस्था नहीं होने से यात्रियों को रोज की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
बिरसा मुंडा बस टर्मिनल पर मौजूद टिकट बुकिंग और पूछताछ काउंटर, जिसका नहीं हो सका उपयोग
वर्ष 2015 में बने इस टर्मिनल में यात्री सुविधा के लिए बनाया गया है. यहां पर यात्रियों के लिए यात्री निवास, पुरुष प्रतीक्षा रूम, महिला प्रतीक्षा रूम, शौचालय, पेयजल सुविधा, टिकट काउंटर, पूछताछ काउंटर बनाए गए हैं. प्रस्थान करने वाली बसों के लिए 19 पड़ाव भी अलग से बनाया गया है. लेकिन इन सब का इस्तेमाल अव्यवस्थित ढंग से हो रहा है.
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बस पड़ाव के सामने टाटा, सिमडेगा, गुमला आदि की लगती हैं लोकल बसें
बिरसा मुंडा बस टर्मिनल की व्यवस्था और देखरेख का जिम्मा रांची नगर निगम की है. नगर निगम ने यहां पर अपनी ओर से एक प्रबंधक और अन्य कर्मियों की नियुक्ति की है. 2015 से लेकर अब तक यहां पर कई प्रबंधक आए. लेकिन बस टर्मिनल में कोई व्यवस्था लागू नहीं करवा पाए. निगम की ओर से साफ सफाई, लाइट व्यवस्था की देखरेख तो की जाती है लेकिन यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं की अनदेखी की जाती रही है.
बिरसा मुंडा बस स्टैंड टर्मिनल अंतर्राज्यीय बस स्टैंड है. हाल के दिनों में यहां से कई नए शहरों की सेवाओं में इजाफा हुआ है. इन शहरों में नागपुर, रायगढ़, संबलपुर, इलाहाबाद, भुवनेश्वर, कटक आदि के लिए नई बस सेवाएं चल रही हैं. आने वाले समय में यहां से दिल्ली और कानपुर कि बस सेवाएं भी उपलब्ध होने वाली है. इतने महत्वपूर्ण बस सेवाओं की उपलब्धि के बावजूद भी यहां प्रशासन नजर नहीं आता.
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यहां से विभिन्न शहरों के लिए प्रतिदिन करीब 500 बसें चलती हैं सामान्य तौर पर यहां से हर दिन 25 हजार यात्रियों की आवाजाही होती है.
बस स्टैंड को ठेकेदार के रहमो करम पर छोड़ दिया गया. उसके द्वारा यहां पर पार्किंग की वसूली की जाती है. यहां केवल प्रवेश कर लेने पर ही दो और चार पहिया वाहन चालकों को पार्किंग शुल्क देना पड़ता है.
साथ ही ठेकेदार की कृपा से ही यहां पर दर्जनों ठेले-खोमचे वाले भी खाने-पीने और विभिन्न चीजों की स्टॉल लगाते हैं. सभी ठेले खोमचे वालों के लिए शुल्क भी लिए जाते हैं.
“बस स्टैंड में यात्रियों की सुविधाओं के लिए व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है. मैंने कुछ दिन पहले ही यहां का चार्ज लिया है. नई व्यवस्था बनाई जा रही है. मोरहाबादी में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में व्यस्त हूं. तीन-चार जनवरी को बस संचालकों के साथ एक मीटिंग रखी गई है. उसमें इन व्यवस्थाओं का निर्धारण किया जाएगा.”
-प्रमय मंदिलवार, प्रबंधक, बिरसा मुंडा बस टर्मिनल खादगढ़ा
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