Varanasi : वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में लगातार घटनाक्रम बदल रहा है. अब खबर आयी है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड (AIMPLB) के सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर 1991 के पूजा स्थल अधिनियम को प्रोटेक्ट करने की गुहार लगायेगा. उनका मत है कि देश के धर्म स्थल को यथास्थिति बनाये रखने के लिए कानून है तो फिर मुस्लिम धर्म स्थलों पर निचली अदालतें क्यों दखल दे रही हैं.
AIMPLB ने मंगलवार देर रात बैठक की
AIMPLB ने मंगलवार देर रात बैठक की. हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सीधे तौर पर इस मामले में पक्षकार नहीं है, लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद की कानूनी लड़ाई मजबूती के साथ लड़ेगा. कहा गया कि बोर्ड की लीगल टीम मुस्लिम पक्ष को हर संभव मदद देने को तैयार रहेगी.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक(वर्चुअल) मंगलवार रात आठ बजे से साढ़े 10 बजे तक बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसन नदवी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें देशभर के 45 सदस्य शामिल हुए थे. बैठक में ज्ञानवापी समेत अन्य विवादित मामलों को लेकर चिंता जतायी गयी और आगे की लड़ाई के लिए रणनीति भी बनायी गयी. बैठक में मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे देश के अमन-शांति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश बताया गया.
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मुस्लिम पक्ष को कानूनी मदद के लिए लीगल टीम गठित
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक सदस्य के अनुसार बोर्ड ने तय किया है कि काशी की ज्ञानवापी मस्जिद हो या मथुरा की ईदगाह मस्जिद या दिल्ली के कुतुबमीनार, इन सभी मामलों में मुस्लिम पक्ष के वकीलों के साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पूरी मजबूती से खड़ा रहेगा और उन्हें कानूनी लड़ाई में मदद करेगा.
खबर है कि बोर्ड ने मुस्लिम पक्ष को कानूनी मदद देने के लिए पांच सदस्यीय लीगल टीम गठितकी है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के बड़े वकील शामिल किये गये हैं.मीडिया में पक्ष रखने के लिए बोर्ड के सदस्यों की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है, जिसमें कासिम रसूल इलियास और कमाल फारूकी शामिल किये गये हैं.