पिता का शव देख फूट-फूटकर रोने लगा मारे गये नक्सली संतोष का बेटा
Medininagar : पलामू जिले के पांकी थाना क्षेत्र के होटाई के जंगलों में प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के नक्सली पैसे को लेकर आपस में भिड़ गये. झड़प के दौरान हुई गोलीबारी में दो नक्सली की मौत हो गयी. टॉप कमांडर संतोष यादव की मौके पर ही मौत हो गयी. वहीं 5 लाख का इनामी नक्सली जोनल कमांडर गणेश लोहरा का शव पुलिस ने घटनास्थल से कुछ दूरी पर बरामद किया. शनिवार को दोनों के शव का एमएमसीएच में पोस्टमार्टम कराया गया. टॉप कमांडर संतोष यादव का बेटा अपने पिता का शव देख फूट-फूटकर रोने लगा. संतोष यादव पिछले 12 साल से नक्सल संगठन में सक्रिय था. 6 महीने पहले में ही उसने जेजेएमपी संगठन ज्वाइन किया था.
वहीं मारा गया पांच लाख का इनामी गणेश लोहरा एक दशक पहले जेजेएमपी से जुड़ा था. दोनों का लंबा नक्सल इतिहास रहा है. गणेश पांकी थाना क्षेत्र के ताल पंचायत का रहनेवाला है. उनकी पत्नी अनीता ताल पंचायत की मुखिया है. घटना की जानकारी मिलने के बाद संतोष और गणेश के परिजन रो- बिलख रहे हैं.
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दो साल से बेटे से नहीं हुई थी बात
आपसी झड़प में मारे गये नक्सली गणेश लोहरा के पिता नारायण लोहरा ने बताया कि दो साल से बेटे से बात नहीं हुई थी. उन्होंने बेटे को बोला था कि नक्सली संगठन छोड़ दे, लेकिन उसने बात नहीं मानी. उन्होंने बताया कि बचपन में ही गणेश घूमने गया था और दस्ते में शामिल हो गया था.
नक्सलियों ने ही दी संतोष के मारे जाने की सूचना
संतोष यादव के पिता रामकिशुन ने बताया कि संगठन की तरफ से ही सूचना दी गई कि संतोष यादव नहीं रहा. उन्होंने बताया कि माओवादी के साथ रहने के दौरान संतोष चार से पांच बार जेल गया था. जेल से निकलने के बाद दो साल से वह घर पर ही रह रहा था. छह महीने पहले गांव में लकड़ी काटने के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. घटना के बाद संतोष डर गया था और जेजेएमपी दस्ते में शामिल हो गया था.
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