Nalanda: कोर्ट ने महिला की सजा पूरी होने के बाद एसपी को उसे विदेश भेजने में सहयोग करने का निर्देश दिया था. इसके बाद भी महिला जेल में ही है. पुलिस और प्रशासन को इस पर जल्द कार्रवाई कर महिला को उसके घर भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.
मामला बिहार के नालंदा जिले के नूरसराय थाने का है. वर्ष 2019 में अहियापुर मोड़ से बांग्लादेशी महिला रिया आफरीन रूपा को भटकते हुए बरामद किया गया था. पुलिस की पूछताछ में महिला ने अपनी पहचान बांग्लादेश निवासी रूपा बताते हुए वर्तमान पता पश्चिम बंगाल बताई थी. बाद पुलिस ने महिला को शांति कुटीर भेज दिया.
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विदेशी अधिनियम की धारा के तहत केस दर्ज हुआ था
महिला के पास भारत आने का कानूनी दस्तावेज नहीं था. इस कारण विदेशी अधिनियम की धारा के तहत केस दर्ज कर उसे न्यायालय के सुपुर्द कर दिया गया. इस मामले पर कोर्ट ने उसे एक वर्ष की सजा सुनाते हुए 500 रुपए का जुर्माना मुकर्रर किया था. जुर्माना नहीं देने पर 7 दिनों की उसे अतिरिक्त सजा मिली. रिया की सजा 22 जनवरी 2021 को पूरी हो गई.
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महिला को विदेश भेजने की व्यवस्था की जाय
इसके बाद भी रूपा जेल में बंदियों की तरह रह रही है. इसके बाद जिला या पुलिस प्रशासन ने उसे विदेश भेजने की व्यवस्था नहीं की. जबकि कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में स्पष्ट निर्देश दिया था कि विदेश मंत्रालय या गृह विभाग से संपर्क कर रूपा को विदेश भेजने की व्यवस्था की जाए.
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जेल से बाहर लाने का प्रयास जारी
बताया जाता है कि जेल अधीक्षक ने 29 जनवरी 2021 को पत्र भेजकर एसपी को कोर्ट की टिप्पणी से अवगत करा दिया था. वहीं बिहारशरीफ कोर्ट के पीपी अधिवक्ता मो. कैसर इमाम ने कहा कि महिला ने 40 दिनों पूर्व ही अपनी सजा पूरी कर ली है. उसे जेल से बाहर लाने के लिए एसपी के द्वारा प्रयास किया जा रहा है.
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