LagatarDesk : साल 2022 में कई कंपनियां आईपीओ लेकर आयी थी. लेकिन जियोपॉलिटिकल फैक्टर्स के कारण 2022 में लॉन्च की गयी आईपीओ सक्सेसफुल नहीं हो पायी. पेटीएम, एलआईसी समेत कई सरकारी और निजी कंपनियां हैं, जिनके आईपीओ ने निवेशकों को तगड़ा नुकसान दिया. इसकी वजह से इन्वेस्टर्स के बीच आईपीओ को लेकर उत्साह ही खत्म हो गया. इस बीच इंफोसिस के फाउंडर एन. नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने आईपीओ को लेकर बयान दिया है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई बड़ी कंपनियों के आईपीओ में दांव लगाने वाले निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. (बिजनेस की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
बिना सोचे समझे आईपीओ लाने से इकोसिस्टम खराब हो रहा खराब
एन. नारायण मूर्ति ने बेंगलुरू में ग्लोबल इनोवेशन कनेक्ट सम्मेलन में स्टार्टअप कंपनियों के आईपीओ में जल्दबाजी दिखाने के नये ट्रेंड पर कई सवाल खड़े किये हैं. उनका कहना है कि स्टार्टअप के फाउंडर्स को समझना चाहिए कि आईपीओ लाना जिम्मेदारी का काम है, ना कि कोई मजाक का काम. बिना सोचे समझे आईपीओ लाना सही ट्रेंड नहीं है. इससे पूरा इकोसिस्टम खराब होता है.
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निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई आईपीओ में करते हैं निवेश
नारायण मूर्ति ने आगे कहा कि स्टार्टअप आईपीओ को फंडिंग जुटाने का नया दौर समझ रहे हैं. यह नजरिया सही नहीं है. निवेशक हम पर विश्वास करके आईपीओ में पैसा लगाते हैं. मीडिल क्लास भरोसा करके अपनी गाढ़ी कमाई आईपीओ में लगा देते हैं. ताकि उन्हें अच्छा रिटर्न मिल सके. इसलिए हर पहलू को सोचकर समझकर ही आईपीओ मार्केट में लॉन्च करना चाहिए.
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स्टार्टअप में सक्सेसफुल होने के लिए 3बातों का रखें ध्यान
नारायण मूर्ति ने आगे कहा कि इंफोसिस के शेयरों की शेयर बाजार में लिस्टिंग 1993 में हुई थी. तब कंपनी के को-फाउंडर्स ने शेयर होल्डर्स को रिटर्न देने की जिम्मेदारी ली थी. लेकिन अब कंपनियों के पास ऐसे वैल्यूज नहीं बची है. मूर्ति ने स्टार्टअप में सफलता हासिल करने की भी टिप्स दी. उन्होंने कहा कि मार्केट में सक्सेसफुल होने के लिए उद्यमियों को तीन बातें याद रखनी जरूरी है. पहला ग्राहक या बाजार तक पहुंच. दूसरा प्रतिबा तक पहुंच और तीसरा उद्यम पूंजी की उपलब्धता.
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