Ranchi: झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायामूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद के निर्देश पर व्यवहार न्यायालय, रांची में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगा. इस दौरान 31 पीड़ितों के बीच 63,30,000 रूपये की मुआवजा राशि वितरित की गई. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के बीच 74,94,80,000 रुपये वितरित किया गया. इस दौरान 25 बेंच और कार्यपालक दण्डाधिकारियों के लिए 20 बेंच का गठन किया गया था. राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल एक लाख से अधिक मामलों का निष्पादन किया गया एवं 40 करोड़ से अधिक की राशि की वसूली की गई. जिसमें प्रीलिटिगेशन एवं लिटिगेशन के मामलों का निष्पादन सम्मिलित है.
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इनकी रही अहम भूमिका
राष्ट्रीय लोक अदालत के उदघाटन में बतौर मुख्य अतिथि न्यायायुक्त दिवाकर पांडे, प्रधान न्यायाधीश ने किया. कुटुम्ब न्यायालय, रशिकेश कुमार, उपायुक्त-सह-उपाध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची, राहुल कुमार सिन्हा, एसएसपी-सह-सदस्य, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची, चंदन कुमार सिन्हा, डालसा सचिव, राकेश रंजन, अध्यक्ष, आर.डी.बी.ए, रांची, शम्भू प्रसाद अग्रवाल, सचिव, आर.डी.बी.ए, रांची, संजय विद्रोही, न्यायिक पदाधिकारी, मध्यस्थ, पैनल अधिवक्ता, पीएलवी एवं अन्य लोग कार्यक्रम में उपस्थित थे. मंचासीन सभी गणमान्य व्यक्तियों एवं दिव्यांग बच्चों के द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया. स्वागत भाषण भाषण एवं मंच का संचालन डालसा सचिव राकेश रंजन ने किया. न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद लोक अदालत में उपस्थित हुए और बनाये गये बेंचों का निरीक्षण किया. न्यायामूर्ति ने अपने हाथों से पीड़ितों के बीच मुआवजा राशि का वितरण किया. इस अवसर पर न्यायायुक्त दिवाकर पांडे भी उपस्थित थे.