सिर्फ दो घंटे में ही 19,960 विवादों का निपटारा किया गया
86 करोड़ 62 लाख 19 हजार रुपये की रिकवरी की गयी
Dhanbad : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देश पर पूरे देश में साल 2024 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत लगायी जा रही है. इसी क्रम में झारखंड के सभी जिलों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. धनबाद में भी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन राम शर्मा ने आज शनिवार को साल 2024 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर बैंकिंग, चेक बाउंस सहित विभिन्ना सुलहनीय विवादों का निपटारा करने के लिए 15 बेंच का गठन किया गया है. सिर्फ दो घंटे में ही 19,960 विवादों का निपटारा किया गया. इस दौरान 86 करोड़ 62 लाख 19 हजार रुपये की रिकवरी की गयी है. शाम चार बजे तक विवादों के निपटारा की संख्या और रिकवरी राशि बढ़ सकती है. इस बात की जानकारी अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार निताशा बारला और मुख्य न्यायाधीश दंडाधिकारी आरती माला ने दी.
संविधान के परिकल्पना को पूरी करने की दिशा में एक कदम है नेशनल लोक अदालत
मौके पर राम शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने की दिशा में एक कदम है. नवंबर 2013 से पूरे देश में हर तीन माह में इसका आयोजन किया जा रहा है. हमारा संविधान हर लोगों को सामाजिक, आर्थिक और सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुलदीप ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगायी जाती है. बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते हैं. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला ने कहा कि लोक अदालत की मदद से महीनों कोर्ट के चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है. इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है. लोगों में प्रेम, शांति, समृद्धि और समरसता बनी रहे, यही लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है. अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार निताशा बारला ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है. इससे समय की बचत तो होती है. साथ ही वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है.