– आज दो लोगों ने अंगदान के लिए भरा शपथ पत्र
– एक साल में झारखंड के 8 लोगों ने अंगदान को लेकर भरा शपथ पत्र
Ranchi: आज देश भर में राष्ट्रीय अंगदान दिवस मनाया जा रहा है. हर साल इस दिन लोगों को अंगदान करने के लिए जागरूक तो जरूर किया जाता है, लेकिन मन में कई भ्रांतियां होने के कारण देश में अंगदान करने वाले लोगों की संख्या प्रति मिलियन जनसंख्या पर मात्र 0.65 है. इससे अच्छा आंकड़ा स्पेन और अमेरिका का है. यहां क्रमशः प्रति मिलियन जनसंख्या पर 35 और 26 लोग अंगदान करते हैं. लोगों को मौत के बाद स्वास्थ्य सेवा और मानव कल्याण के लिए निस्वार्थ होकर अंगदान करने की जरूरत है.
पिछले एक साल में महज 8 लोगों ने किया अंगदान
स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के नोडल ऑफिसर डॉ राजीव रंजन ने कहा पिछले एक साल में मात्र 8 लोगों ने अपना अंगदान किया है. आंकड़े कम होने के पीछे कोरोना भी एक बड़ी वजह है, लेकिन लोगों में भी जागरूकता की कमी है. जिसे दूर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर आज रांची के दो लोगों ने अंगदान की इच्छा व्यक्त करते हुए शपथ पत्र भरा है. डॉ राजीव ने कहा कि 1 नवंबर को जमशेदपुर में आंध्रप्रदेश के स्थापना दिवस के मौके पर तेलगु सेना के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में तीन लोगों ने अंगदान की इच्छा जाहिर करते हुए शपथ पत्र भरा है. जबकि 100 लोग इसके लिए तैयार हुए है. अब उनके शपथ पत्र का इंतजार है.
देश में अंग विफलता (ऑर्गन फेलियर) के कारण 5 लाख लोगों की मौत
स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के नोडल ऑफिसर डॉ राजीव रंजन ने कहा कि देश में हर साल 5 लाख लोगों की मौत ऑर्गन फेलियर के कारण होती है. इस आंकड़े को कम करने के लिए अंगदान करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ब्रेन डेथ के बाद किसी भी व्यक्ति का अंग दूसरे के शरीर में काम आ सकता है. एक व्यक्ति के अंग से कई लोगों को नई जिंदगी मिल सकती है.
एक व्यक्ति के अंगदान से 6 लोगों को मिल सकती है नई जिंदगी
वहीं एनाटॉमी विभाग के एचओडी डॉ एके दुबे ने कहा कि एक व्यक्ति के अंग से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है. दो किडनी और दो लंग्स से चार व्यक्ति को नया जीवन मिल सकता है. जबकि हार्ट से किसी एक व्यक्ति की दिल की धड़कनें वापस आ सकती हैं. वहीं फेफड़े से कई लोगों की जान बच सकती है. उन्होंने कहा कि मृत व्यक्ति के आंख से कोई दूसरा इंसान दुनिया देख सकता है.
रिम्स में ब्रेन डेथ कमिटी में चार डॉक्टर
रिम्स में ब्रेन डेथ घोषित करने के लिए चार डॉक्टरों की टीम है. इसमें न्यूरोसर्जरी, न्यूरो फिजीशियन, आईसीयू के डॉक्टर और जिस विभाग में मरीज भर्ती हैं वहां के डॉक्टर परीक्षण के बाद ब्रेन डेथ की घोषणा करते हैं. वहीं अंगदान को लेकर रिम्स की वेबसाइट पर सोटो का फॉर्म उपलब्ध है. यदि किसी व्यक्ति को फॉर्म लेना हो तो वे रिम्स के एनाटॉमी विभाग में बने सोटो के कार्यालय से भी प्राप्त कर सकते हैं.
राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन
राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर रिम्स में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सोटो द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रभात फेरी की शुरुआत राजेंद्र पार्क से होकर डेंटल कॉलेज, सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक होकर पूरे परिसर में किया गया. प्रभात फेरी में शामिल लोगों ने सुपर स्पेशलिटी विंग में अंगदान को लेकर शपथ लिया.
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