Ranchi : झारखंड पुलिस की कार्रवाई से बैकफुट पर नक्सली संगठन चले गए है. एक बार फिर से कमजोर संगठन को मजबूत करने के लिए गिरिडीह व धनबाद में संगठन विस्तार में नक्सली जुटे हुए है. जानकारी के अनुसार टेरर फंडिंग का आरोपी 15 लाख इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा इन दिनों धनबाद जिले के मनियाडीह, टुंडी और गिरिडीह जिले के पीरटांड़ इलाके में संगठन के विस्तार में लगा हुआ है. उसकी गतिविधियां लगातार इस क्षेत्र में दिख रही है.
गौरतलब है कि कृष्णा झारखंड पुलिस के अलावा एनआईए के रडार पर भी है. कांड संख्या आरसी 19/2018 DLI और 21/2018 DLI में एनआईए को कृष्णा की तलाश है. एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में कृष्णा के ऊपर दो लाख का इनाम घोषित कर रखा है.
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प्रयाग मांझी और अजय महतो के निर्देश पर संगठन विस्तार में जुटा है
सूत्रो से मिली जानकारी के कृष्णा हांसदा एक करोड़ के ईनामी कुख्यात नक्सली प्रयाग मांझी और नक्सली कमांडर 25 लाख इनामी अजय महतो के निर्देश पर क्षेत्र में संगठन विस्तार में जुटा है. वह मनियाडीह, टुंडी व पीरटांड़ इलाके के पहाड़ी, तराई व वन्य बहुल एक सौ गावों में संगठन विस्तार को लेकर नए युवाओं को जोड़ने का काम युद्ध स्तर पर कर रहा है.
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टेरर फंडिंग मामले में एनआईए को है कृष्णा हांसदा की तलाश
टेरर फंडिंग मामले में एनआईए को है कृष्णा हांसदा की तलाश. गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र से 21 जनवरी 2018 को मनोज कुमार को छह लाख रुपये व संदिग्ध दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में डुमरी थाने में 22 जनवरी 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. तब झारखंड पुलिस को छानबीन में पता चला था कि मनोज कुमार के पास से बरामद राशि ठेकेदारों से माओवादियों के नाम पर उठाई गई लेवी से संबंधित थी. मनोज ने स्वीकार किया था कि वह माओवादियों के रिजनल कमेटी सदस्य कृष्णा दा उर्फ कृष्णा हांसदा उर्फ अविनाश दा के लिए लेवी वसूलता है. जिसके बाद एनआइए ने गिरिडीह के डुमरी थाने में 22 जनवरी को दर्ज टेरर फंडिंग के मामले को उसी वर्ष 9 जुलाई 2018 को टेकओवर करते हुए केस रजिस्टर्ड किया था. इसमें मनोज कुमार के अलावा माओवादी कृष्णा दा उर्फ कृष्णा हांसदा को भी आरोपित बनाते हुए अनुसंधान शुरू किया गया था.
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