NewDelhi : राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने गो फर्स्ट की दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने वाली याचिका स्वीकार कर ली है. साथ ही कंपनी के मैनेजमेंट और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भी सस्पेंड कर दिया है. गो फर्स्ट के सीईओ कौशिक खोना ने एनसीएलटी के फैसले को ‘ऐतिहासिक करार दिया उन्होंने कहा कि यह कंपनी को पटरी पर लाने के लिये समय पर आया प्रभावी निर्णय है. कहा कि आदेश समय पर आया है और प्रभावी है. बता दें कि नकदी संकट से जूझ रही गो फर्स्ट ने दो मई को दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए लेकर याचिका दायर की थी. कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद चार मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. (पढ़ें, एलन मस्क का एलान, ट्विटर पर जल्द मिलेगी वॉइस-वीडियो कॉलिंग की सुविधा)
एनसीएलटी ने कंपनी को कर्मचारियों की छंटनी नहीं करने का दिया है आदेश
एनसीएलटी ने कर्ज में फंसी कंपनी को चलाने के लिये अभिलाष लाल को अंतरिम पेशेवर नियुक्त किया है. अध्यक्ष न्यायमूर्ति रामलिंग सुधाकर और एल एन गुप्ता की पीठ ने कंपनी को किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से संरक्षण भी दिया और दिवालिया प्रक्रिया के दौरान उसे चलाने के लिये निलंबित निदेशक मंडल से समाधान पेशेवर की मदद करने को कहा है. इसके अलावा एनसीएलटी ने कंपनी को परिचालन में बनाये रखने और वित्तीय बाध्यताओं को पूरा करने के साथ किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने को कहा है.
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इंजन सप्लाई नहीं होने के कारण कंपनी को 28 विमानों को करना पड़ा ग्राउंडेड
गो फर्स्ट ने 17 साल से अधिक समय पहले उड़ान भरना शुरू किया था. एयरलाइन ने वित्तीय संकट के बीच तीन मई से उड़ानों का परिचालन रोक दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, गो फर्स्ट लंबे समय से आर्थिक परेशानी का सामना कर रही थी. ऐसे में कंपनी पेट्रोलियम कंपनियों का बकाया नहीं चुका पा रही है. वित्तीय संकट के कारण एयरलाइन कंपनी के लिए इंजन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) ने सप्लाई बंद कर दी थी. इंजन सप्लाई नहीं होने के कारण कंपनी ने 28 विमानों को ग्राउंडेड करना पड़ा है.
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