Pramod Upadhyay
Hazaribagh: इसे लापरवाही कहें या उदासीनता, हजारीबाग के सदर प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिलवार कला का न तो निरीक्षण किया जाता है और न ही रंगरोगन. पिछले 20 वर्षों से रंगरोगन के अभाव में इसके भवन जीर्ण-जीर्ण हो रहे हैं. जबकि स्कूल के विकास मद में हर साल 50 हजार रुपए आते हैं. उससे भवन की रंगाई-पुताई और मरम्मत संभव है. दिलचस्प बात यह है कि इस स्कूल में 35 वर्षों से एक शिक्षिका राधा देवी कार्यरत हैं, जो सचिव सह प्रधानाध्यापिका हैं. उनका तबादला नहीं किया जाता है. यह शिकायत सिलवार कला के ग्रामीणों की है. सोमवार को ‘शुभम संदेश’ की पड़ताल में वहां के मुखिया रूक्मिणी देवी ने बताया कि स्कूल में वर्षों से कोई पदाधिकारी निरीक्षण के लिए नहीं आते हैं. स्कूल के रंगरोगन के लिए कई बार प्रधानाध्यापिका से लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक तक कहा गया, लेकिन संज्ञान नहीं लिया गया. अब तो बोलना ही छोड़ दिए हैं.
स्कूल में 125 बच्चे नामांकित हैं. उनमें 43 बच्चे उपस्थित थे, जबकि 73 बच्चों की हाजिरी बनी हुई थी. स्कूल में तीन शिक्षक स्कूल में मौजूद थे. इनमें दो सहायक शिक्षक एवं एक सरकारी शिक्षिका उपस्थित थीं. मुखिया प्रतिनिधि उमेश प्रसाद ने बताया कि शिक्षिका राधा देवी 35 वर्षों से इसी स्कूल में पदास्थापित हैं और एक साल के बाद वह सेवानिवृत्त हो जाएंगी. वह 18 नवंबर से मेडिकल छुट्टी पर हैं. वहीं शिक्षिका रेणु गोस्वामी सीएल लेकर अवकाश पर थीं. दो सहायक शिक्षक एवं एक शिक्षिका मधुलिका सिन्हा स्कूल में प्रभारी के रूप में मौजूद थीं.
क्या कहते हैं ग्रामीण
इस संबंध में सिलवार ग्रामीण राजेश यादव एवं संतोष कुमार रोहित कुमार ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से स्कूल का रंग रोगन नहीं हुआ है. दिखावे के लिए आगे में थोड़ा रंगरोगन करा दिया जाता है. कभी ग्रामीण एवं प्रबंधन समिति की बैठक नहीं हुई है. अपनी मर्जी से अध्यक्ष और सचिव मिलकर स्कूल चलाते हैं. अगर पंचायत वासियों के बीच ऑडिट हो, तो पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा. कागज पर काम की उपलब्धियां दिखाकर रकम निकाल ली जा रही है. स्कूल की स्थिति लचर हो गई है. व्यवस्था में सुधार और पदाधिकारियों के निरीक्षण की जरूरत है.
दु:खद स्थिति : पंचायत में 5000 की जनसंख्या और नामांकित बच्चे महज 125
इस संबंध में मुखिया रूक्मिणी देवी ने बताया कि यह काफी दु:खद स्थिति है कि पंचायत में करीब 5000 लोग निवास करते हैं और सरकारी स्कूल में महज 125 बच्चे नामांकित हैं. इससे स्थिति समझी जा सकती है.
निरीक्षण के साथ करेंगे जांच : बीईईओ
सदर प्रखंड के बीईईओ नागेश्वर सिंह ने कहा कि स्कूल के हालात से अवगत नहीं थे. अब जब मामला संज्ञान में आया है, तो निरीक्षण के साथ पूरे मामले की जांच करेंगे.
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