Hazaribagh: गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शनिवार को समापन हो गया. इसमें देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे शिक्षाविदों ने अपने विचार प्रकट किये. दूसरे दिन के सत्र का उद्घाटन मुख्य अतिथि सेंट्रल यूनिवर्सिटी वर्धा, महाराष्ट्र के डीन प्रोफेसर गोपाल कृष्ण ठाकुर थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय ज्ञान की परंपरा समाहित है. इसके काफी समृद्ध दूष्टांत हैं. एनईपी से नौनिहालों को लाभान्वित करने के लिए शिक्षकों को अपनी भूमिका तलाशते हुए ईमानदारी और समर्पित भाव से अपना दायित्व निर्वहन करना होगा.
प्रोफेसर गोपाल कृष्ण ठाकुर ने कहा कि यह शिक्षा नीति सिर्फ धनोपार्जन के लिए नहीं, बल्कि व्यवहार और सदाचार सिखाने के लिए भी है. चूंकि भारत की पुरातन शैक्षणिक संस्कृति में यही बात समाहित थी. जब विश्व शिक्षा में समृद्ध नहीं था, तब भारतीय ज्ञान शिखर पर था. जिस कारण भारत उस वक्त भी विश्वगुरु था. आज एनईपी 2020 से विश्वगुरु बनने का लक्ष्य है. बतौर विशिष्ट अतिथि चौहान कॉलेज ऑफ एजुकेशन बरकातुल्लाह यूनिवर्सिटी, भोपाल की प्रिंसिपल डॉ वीणा झा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दूरगामी परिणाम आएंगे. इस नीति के तहत आज के युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देनी है. शिक्षा को सुगम बनाया जा रहा है. विद्यार्थियों का स्किल डेवलपमेंट किया जा रहा है. इसमें बच्चों को जिज्ञासु प्रवृत्ति बनाने की भी बात है.
धर्म समाज कॉलेज राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ उमेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति अर्थपूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा है. भविष्य में इसके बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे. इसमें आनेवाली चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. शिक्षकों के समक्ष आधुनिक तकनीक से लैस बच्चों को पढ़ाने की चुनौती होगी. तकनीकी प्रस्तुति देते हुए विभावि एमएड विभाग के डॉ मृत्युंजय प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारत की वही पुरातन संस्कृति का प्रवाह है, जिस कारण यह विश्वगुरु था. बस जरूरत है इसे नए परिवेश और आयाम से जोड़ने की कोशिश हो. संत कोलंबा कॉलेज हजारीबाग के सहायक प्राध्यापक डॉ जयप्रकाश रविदास ने कहा कि इस शिक्षा नीति से बच्चों को उनके सपनों को उड़ान मिलेगा. उनकी कल्पनाओं को पंख लगेंगे. नई शिक्षा नीति को कारगर करने की सामूहिक जिम्मेवारी होनी चाहिए.
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राष्ट्रीय सेमिनार को मैक्स इंस्टीच्यूट ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग बिजुलिया, रामगढ़ के प्राचार्य डॉ आनंद किशोर और दौलत महतो बीएड कॉलेज बनासो, विष्णुगढ़ के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया. इससे पहले गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, हजारीबाग प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष मनोज कुमार ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत भाषण दिया. फिर सचिव मिथिलेश मिश्र के साथ अतिथियों को शॉल और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया. अतिथियों ने प्रमाण पत्र वितरण किया. मंच संचालन बीएड की सहायक प्राध्यापक कुमारी अंजली और डॉ बसुंधरा कुमारी ने किया. मौके पर उज्ज्वल भारत ट्रस्ट के उपाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार, बीएड और डीएलएड के व्याख्याता, प्रशिक्षु और शिक्षकेत्तर कर्मी मौजूद थे.
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