LagatarDesk: नये कृषि कानून का लगातार दिल्ली की सीमाओं में विरोध हो रहे हैं. 50 से अधिक किसान विरोध में शामिल हैं. इसमें अधिकतर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं जिनकी देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका है.इसी बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने नये कृषि कानून को कृषि सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है. हालांकि IMF ने इस नये नियम से प्रभावित होने वाले सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने पर भी जोर दे रहे है.
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कृषि क्षेत्र में होगा सुधार : गैरी राइस
IMF के कम्युनिकेशन डायरेक्टर गैरी राइस ने कहा कि भारत सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधार किया जा सकेगा. इस कानून में इतनी क्षमता है कि इससे कृषि के क्षेत्र में सुधार होगा. लेकिन पुराने नियम से नये नियम को स्वीकार करने में टाइम लगेगा. साथ ही यह भी ध्यान रखना है कि इस दौरान प्रभावित होने वालों के लिए सामाजिक सुरक्षा होना भी जरूरी है.
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सीधे विक्रेता को बेच सकेंगे फसल
राइस ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि नये कृषि कानून से कृषि क्षेत्र में बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जायेगी. जिससे किसान सीधे विक्रेता को अपनी फसल बेंच सकेंगे. डायरेक्ट मार्केट में बेचने से सरफ्लस अमाउंट का हिस्सा किसानों को मिलेगा. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र उन्नति की दिशा में आगे बढ़ेगा.
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सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की वकालत
राइस ने कहा कि पुराने नियम से नये नियम के कारण काफी लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि इन लोगों को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित कराना भी जरूरी है. इसके लिए सरकार को कुछ सुरक्षात्मक कदम उठाने चाहिए. राइस ने कहा कि सुधारों से प्रभावित होने वाले रोजगार के लिए बाजार में जगह बनानी चाहिए.
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सुधारों के साथ-साथ लागू करने के समय पर भी देना होगा ध्यान
राइस ने कहा कि नये नियमों कब से प्रभावी होंगे और किस समय इसे लागू करना सही होगा, इस पर भी ध्यान देना होगा. तब जा कर इसका लाभ उन्हें मिल पायेगा. इसलिए सुधारों के साथ-साथ इन मुद्दों पर भी ध्यान देने की जरूरत है.
बड़े कॉरपोरेटों के हाथ में होगा बाजार-किसान
नए कानूनों को लेकर किसानों का मानना है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पूरी तरह खत्म हो जायेगा. इसके साथ ही आने वाले समय में मंडी व्यवस्था को खत्म कर देगा. बाजार पूरी तरह से बड़े कॉरपोरेटों के हाथ में चला जायेगा.
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