धनबाद : शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी के लिए झारखंड सरकार ने सभी जिलों में नवजात शिशु सप्ताह शुरू किया है. धनबाद जिले में यह 15 से 21 नवंबर तक चलेगा. विभागीय आंकड़ों के अनुसार धनबाद में हर वर्ष 90 हजार महिलाएं गर्भवती होती हैं. इसमें एक फीसद का गर्भपात हो जाता है. बाकी गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग विभिन्न योजनाएं चला रहा है. बावजूद जिले में 55 प्रतिशत महिलाएं अपना प्रसव निजी अस्पतालों में कराती हैं, शेष अपना प्रसव सरकारी अस्पतालों में कराती हैं. जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच में प्रति माह औसत 550 महिलाएं प्रसव कराती हैं, जिनमें 200 प्रसव सिजेरियन से होते हैं, बाकी सब नॉर्मल किए जाते हैं. शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी के लिए स्वास्थ्य विभाग विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रहा है, जिनमें जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा अभियान, नियमित टीकाकरण शामिल हैं. जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के बाद प्रसूता को 1400 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इसके लिए प्रेरक को भी प्रोत्साहन राशि दी जाती है. जननी शिशु कार्यक्रम के तहत जननी सुरक्षा योजना पर एसएनएमएमसीएच में प्रतिवर्ष डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं. विभिन्न योजनाओं के कारण शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी आई है. कोरोना संक्रमण के बाद यह एक सुखद संकेत है.
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