Ranchi : राज्य के सरकारी अस्पताल(सदर अस्पताल-चिकित्सा महाविद्यालय) में जन्म लेने वाले नवजात शिशु की मूक-बधिर जांच कराई जाएगी. इस योजना के संचालन के लिए ऑडियोलॉजिस्ट की सेवा आउटसोर्सिंग के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा. न्यूबॉर्न हियरिंग स्क्रीनिंग योजना के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 11 करोड़ 1 लाख 80 हजार रुपए की स्वीकृति दी गई है. बता दें कि राज्य में प्रतिवर्ष 8 लाख बच्चे जन्म लेते हैं. इनमें करीब 6 लाख बच्चों का जन्म सरकारी अस्पताल में होता है. राज्य के अधिकांश हिस्सों में जनजातीय आबादी है. जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है. ऐसे में स्वास्थ विभाग के द्वारा मूक-बधिर स्क्रीनिंग की तैयारी है.
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18 हजार बच्चे बहरेपन और अन्य अनुषंगी समस्या से पीड़ित
राज्य में कराए गए झारखंड विद्यालय स्वास्थ्य अभियान के क्रम में यह सामने आया है कि विभिन्न विद्यालयों के लगभग 18000 बच्चे बहरेपन और अनुषंगी समस्याओं से पीड़ित है. यह भी तथ्य प्रकाश में आया है कि नवजात शिशु की मूक-बधिर जांच की व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चों का मानसिक और भौतिक विकास प्रभावित हुआ है.
ईएनटी विभाग के कर्मी और ऑडियोलॉजिस्ट को दिया जाएगा प्रशिक्षण
उपकरण की आपूर्तिकर्ता द्वारा मशीनों के अधिष्ठापन के बाद संस्थान के ईएनटी विभाग के कर्मचारी और ऑडियोलॉजिस्ट को प्रशिक्षण दिया जाएगा. योजना का कार्यान्वयन प्रत्येक जिले के सिविल सर्जन और संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय के अधीक्षक के माध्यम से कराया जाएगा.
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