Pakur: लॉकडाउन एवं सरकार के नये नियमों से जिले के पत्थर कारोबारी अभी ठीक तरह से उबर भी नहीं थे कि उन्हें एनजीटी ने जबरदस्त झटका दिया है. पर्यावरणीय शर्तों का उल्लंघन करने को लेकर एनजीटी ने पाकुड़ जिले के लगभग 250 पत्थर व्यवसायियों पर 650 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना राशि की वसूली को लेकर खनन विभाग द्वारा कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है. खनन विभाग ने जिले के 250 पत्थर कारोबारियों को नोटिस जारी करते हुए जुर्माना की राशि का भुगतान 15 दिनो के अंदर करने का आदेश जारी किया है. खनन विभाग द्वारा जारी किये गये नोटिस के बाद जिले के पत्थर व्यवसायियों में हड़कंप मच गया है.
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कोलकाता से दिल्ली तक कूच
उक्त मामले में दर्जनों पत्थर व्यवसायी एनजीटी द्वारा लगाये गये जुर्माने से राहत पाने के लिए अधिवक्ताओं की सलाह लेने कोलकाता से दिल्ली तक कूच कर गये हैं. बता दें कि उक्त जुर्माना रामचंद्र मार्डी बनाम वेस्ट बंगाल पॉलुशन कंट्रोल बोर्ड एंड ओआरएस में पारित आदेश के अलोक में लगाया गया है.
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राज्य सरकार को मिला था जुर्माना वसूलने का निर्देश
आइएफ द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के बाद एनजीटी ने पर्यावरणीय शर्तों का उल्लंघन करने वाले पाकुड़ एवं दुमका जिले के पत्थर व्यवसायियों से जुर्माना राशि वसूलने को लेकर झारखंड सरकार को निर्देश दिया था. जिसके बाद सरकार द्वारा जिला खनन पदाधिकारी पाकुड़ को पर्यावरणीय शर्तों का उल्लंघन करने वाले पत्थर व्यवसायियों से जुर्माना राशि वसूलने का निर्देश जारी किया. जिन खनन पट्टाधारियों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें कई ऐसे कारोबारी भी है जिनके खदान वर्षों से बंद है.
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250 पत्थर कारोबारियों को मिला नोटिस
उक्त मामले को लेकर जिला खनन पदाधिकारी उत्तम कुमार विश्वास ने बताया कि पाकुड़ जिले के 250 वैसे कारोबारी जिन्होंने पर्यावरणीय शर्तों का उल्लंघन किया है उन्हें नोटिस निर्गत किया गया है. उन्होने बताया कि 250 पत्थर व्यवसायियों से 650 करोड़ रुपये जुर्माना की राशि वसूली जानी है. यहां उल्लेखनीय है कि खनन पट्टाधारियों को उत्खनन क्षेत्र में पौधरोपण के अलावा लीज एरिया की घेराबंदी करनी है ताकि पर्यावरणीय शर्तों का अनुपालन किया जा सके. सर्वे के दौरान इंस्टिच्यूट आॅफ फॉरेस्ट प्रोडक्टविटी रांची ने पत्थर उत्खनन करने वाले कारोबारियों के लीज एरिया में पर्यावरणीय शर्तों का अनुपालन नहीं किये जाने का मामला पाया था और रिपोर्ट सौंपी थी.
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