Ranchi : रक्त संबंधित विकार हीमोफीलिया एक तरह की ब्लीडिंग डिसऑर्डर है. यह जेनेटिक रोग है और बहुत ही कम लोगों में पाया जाता है. इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के रक्त का थक्का जमने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है. चोट लगने-कटने पर रक्त स्राव नहीं रुकता है. वैसे मरीजों को फैक्टर दिया जाता है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के द्वारा राज्य के 9 जिला अस्पताल समेत 3 मेडिकल कॉलेज, जिनमें रिम्स रांची, एमजीएमएमसीएच जमशेदपुर और एसएनएमएमसीएच धनबाद अस्पताल को राशि का आवंटन कर दिया गया है. बावजूद इसके फैक्टर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. हीमोफीलिया मरीजों को दवाएं नहीं मिल पा रही है.
राज्य नोडल पदाधिकारी ने भी किया है पत्राचार
इस विषय को लेकर एनएचएम रक्त कोषांग के राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ एसपी शर्मा ने रांची, दुमका, गिरिडीह, पलामू, लातेहार, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, कोडरमा, सरायकेला के सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी और निदेशक रिम्स, अधीक्षक एमजीएमएमसीएच जमशेदपुर और एसएनएमएमसीएच धनबाद को पत्राचार कर फैक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
प्रधान सचिव को लिखा पत्र
फैक्टर नहीं मिलने के संबंध में हीमोफीलिया सोसायटी रांची के सचिव संतोष कुमार जायसवाल ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजा है. जीवन रक्षक दवा फैक्टर VIII, IX, बोन विलब्रांड डिजीज (वीओएन), फैक्टर एमआईएमआईसी (एमिसिजुमा) की उपलब्धता आवश्यकता के अनुसार करने का मांग की है.
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