Ranchi: लातेहार के चंदवा में चार पुलिसकर्मियों का हत्यारोपी सोनू उर्फ मृत्युंजय सिंह की रिमांड अवधि NIA ने बढ़ा दी है. NIA ठेकेदार मृत्युंजय सिंह से नौ फरवरी तक पूछताछ करेगी. गौरतलब है कि एनआईए ने चार फरवरी से लेकर छह फरवरी तक रिमांड पर लिया गया था. अब ये रिमांड अवधि बढ़कर नौ फरवरी तक बढ़ा दी गई है. एनआइए ब्रांच रांची मृत्युंजय सिंह से पूछताछ कर रही है. आपको बता दें कि एनआइए ने तीन फरवरी को ठेकेदार मृत्युंजय सिंह को गिरफ्तार किया था. और एनआइए की जांच में ये खुलासा हुआ है कि, लातेहार के चंदवा के रहने वाले मृत्युंजय सिंह ने घटना से एक दिन पहले चंदवा के भालुजंगा जंगल में भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली रवींद्र गंझू से मुलाकात की थी और उन्हें हमले के लिए रुपये दिये थे.
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NIA ने की थी कई ठिकानों पर छापेमारी
लातेहार के चंदवा निवासी ठेकेदार मृत्युंजय सिंह की ओर से नक्सलियों को लाखों की लेवी दी गयी थी. इसकी जांच कर रही एनआइए की टीम ने बीते 30 जनवरी को लातेहार, पलामू और लोहरदगा में छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान एनआइए टीम ने चंदवा के हरैया चौक स्थित संतोष सिंह के घर और लोहरदगा में विपिन शाहदेव के घर पर छानबीन की थी. गौरतलब है कि पिछले वर्ष पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया था. इस दौरान पकड़े गये नक्सलियों ने पांच लाख की लेवी सोनू सिंह से लेने की बात स्वीकार की थी. बाद में पूरे मामले को एनआइए ने अपने हाथ में लेकर जांच शुरू की. इसी दौरान 10 अक्तूबर, 2020 को भी संतोष सिंह के घर पर लगातार 17 घंटे तक छापेमारी हुई थी. इस छापेमारी में 2.64 करोड़ नकद बरामद हुआ था.
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पुलिसकर्मियों की हत्या की जांच NIA के हाथ
लातेहार के चंदवा में चार पुलिसकर्मियों के मारे जाने के मामले में एनआइए ने दो जुलाई 2020 को केस टेक ओवर कर लिया था. झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले हुए माओवादी हमले में लातेहार जिला बल के चंदवा थाना में तैनात SI शुकरा उरांव, चालक यमुना प्रसाद, शंभू प्रसाद व सिकंदर सिंह शहीद हो गये थे. आपको बता दें कि झारखंड पुलिस ने इस मामले की जांच एनआइए से कराने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था. केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस मामले में एनआइए को FIR दर्ज करने की इजाजत 22 जून 2020 को मिल गयी थी. जिसके बाद एनआइए ने इस संबंध में नये सिरे से दिल्ली में केस दर्ज किया था.
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