Tamar : रविवार को शहीद निर्मल महतो का 34 वां शहादत दिवस मनाया गया. कार्यक्रम निर्मल महतो चौक भुईयांडीह में आयोजित किया गया. इस दौरान उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर उन्हें श्रर्धांजलि अर्पित की गयी. इस अवसर पर स्थानीय विधायक विकास कुमार मुंडा ने कहा कि झारखंड राज्य के गठन के दो दशक से अधिक समय होने के बाद भी झारखंडी जनता अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रही हैं. अलग राज्य होने के पूर्व झारखंड के लोंगों के मन में तरह तरह की आशाएं थी.जो झारखंड की हेमंत सरकार धीरे धीरे पूरा कर रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि शहीद निर्मल महतो की सोच थी कि समतामूलक,शोषण विहीन झारखंड राज्य का निर्माण करना,जिसको हेमंत सोरेन ही पूरा कर सकते हैं.
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निर्मल महतो ने राजनीति को एक नयी दिशा दी
झारखंड आंदोलनकारी नेता सह अधिवक्ता गोविंद महतो ने कहा कि निर्मल महतो ने झारखंड की राजनीतिक को एक नयी दिशा दी थी. जिसके कारण वे झारखंडियों के प्रेरणा स्रोत हैं. उनके किये कार्यों को यहां की जनता युगों तक याद रखेगी. जिला परिसद रांची के अध्यक्ष सुकरा मुंडा ने कहा कि 37 वर्ष की अल्पआयु में ही उनकी नेतृत्त्व क्षमता का लोहा सभी मानने लगे थे. उनकी दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता के कारण झारखंड आंदोलन की नयी दिशा मिली थी.तमाड़ पूर्वी जिला परिसद सदस्य बालकृष्ण सिंह मुंडा ने कहा कि निर्मल महतो के बताये मार्ग पर चलने से ही राज्य का सर्वांगीण विकास एवं संतुलित विकास संभव होगा.
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युवाओं का लामबंद भुलाया नहीं जा सकता
विजय सिंह मानकी ने कहा कि अलग राज्य की लड़ाई के लिए युवाओं को लामबंद कर जो अलख जगायी थी, उसे भूलाया नही जा सकता हैं. इस अवसर पर आजसू नेता रामदुर्लभ सिंह मुंडा,बुंडू नगर उपाध्यक्ष सुनील जायसवाल,हीरा लाल दास,परमेश्वरी सांडिल,जगदीश गुप्ता,राधिका देवी,अधनु महतो,हलधर महतो, गोपाल महतो,बांकेलाल मुंडा,राजेन्द्र मुंडा, सुकुवा महतो आदि शामिल थे.