NewDelhi : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सांसदों के हंगामे के बीच राज्यसभा में बीमा संशोधन बिल पर बहस का जवाब देते कहा कि भगोड़े व्यापारी विजया माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी कानून का सामना करने के लिए भारत वापस आ रहे हैं.
सरकार ने ब्रिटेन से माल्या और मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर जरूरी प्रक्रिया को जारी रखी है. चोकसी के बारे में कहा कि वह एंटीगुआ में है. बता दें कि माल्या अपनी बंद किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के बैंक लोन डिफॉल्ट मामले में आरोपी हैं. वे मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं.
मोदी पर 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी करने का आरोप
इसी क्रम में सार्वजनिक क्षेत्र के नेशनल बैंक में धोखाधड़ी करने के बाद नीरव मोदी और उसके मामा चोकसी देश छोड़कर भाग गये. बता दें कि पीएनबी में मोदी पर 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 14,500 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी करने का आरोप है.
राज्यसभा में बीमा (संशोधन) विधेयक पर गुरुवार को चर्चा हुई. इस दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा किया. चर्चा के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष को करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सभी कानून का सामना करने के लिए यहां आ रहे हैं.
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विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव फारित
निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में बीमा (संशोधन) विधेयक 2021 चर्चा के लिए रखा. विधेयक के अनुसार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ा कर 74 फीसदी किए जाने का प्रस्ताव है. यह विधेयक सदन से पारित हो गया.
निर्मला ने कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ा कर 74 फीसदी करने से इस क्षेत्र की कंपनियों की बढ़ती पूंजी जरूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी पक्षों के साथ गहन विचार विमर्श के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का फैसला लिया गया.
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माकपा ने सरकार पर राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने का आरोप लगाया
इस बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सरकार पर राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि निजीकरण के खिलाफ एक प्रभावी राजनीतिक अभियान आरंभ होना चाहिए. माकपा ने अपने मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के संपादकीय में कहा है कि देश की बहुमूल्य सरकारी संपत्तियों को बेचने से देश की राष्ट्रीय संप्रभुता खतरे में आ जायेगी.
संपादकीय में कहा गया है कि फर्जी तरह के हिंदुत्ववादी-राष्ट्रवादी विमर्श को बेनकाब करने के लिए एक प्रभावी राजनीतिक अभियान आरंभ होना चाहिए. माकपा ने दावा किया कि आत्मनिर्भर भारत की बात करने वाली सरकार सरकारी संपत्तियों को कुछ कारपोरेट समूहों के हाथों बेच रही है.