Nirsa: बीसीसीएल सीवी एरिया के दहीबाड़ी सी पेंच में मंगलवार 1 फरवरी को अवैध खनन के दौरान तीन लोगों की मौत के बाद बुधवार को प्रबंधन घटना स्थल में डोजरिंग कराने पहुंचा. परंतु प्रबंधन एवं पुलिस को रैयतों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. फलस्वरूप प्रबंधन एवं पुलिस बिना डोजरिंग के ही वापस लौट गयी. जानकारी हो कि मंगलवार को सी पेंच में अवैध खनन के दौरान पास गांव की दो महिला एवं एक युवती की मौत दब कर घटना स्थल पर हीहो गयी थी. ग्रामीणों ने शव को वहां से निकाल कर चुपके से कहीं जला दिया.
इधर घटना के दूसरे दिन उक्त स्थल पर डोजरिंग के लिये पंचेत पुलिस एवं सीआईएसएफ के साथ प्रबंधन के लोग पहुंचे. परंतु सुबोध राय के स्वजनों ने डोजरिंग करने से मना कर दिया. उनका कहना था कि पहले से मुआवजा को लेकर प्रबंधन ने भटका कर जमीन बर्बाद कर दी है. अब चार माह से कोई देखने भी नहीं आ रहा है. प्रबंधन यहां सीआईएसएफ की नियुक्ति करा कर कोयला चोरी रोके. इस दौरान अभिकर्ता प्रशांत बनर्जी, प्रबंधक समीर मंडल, सेफ्टी अधिकारी भास्कर पाल, सीआईएसएफ निरीक्षक सूर्यवंशम किशोर, पंचेत ओपी प्रभारी कुलदीप रौशन बारी सहित अन्य उपस्थित थे.
मां के आंसुओं ने चलते रुकी डोजरिंग
रैयतों की शर्त के अनुसार प्रबंधन ने सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति के बारे में लिख कर भी दे दिया. लेकिन इसी बीच जमीन पर डोजरिंग चलाने की बात पर रैयतों की मां की आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने डोजरिंग करने पर आत्म हत्या की धमकी दी. इसके बाद लोग एक बार पुनः प्रबंधन के खिलाफ हो गये एवं डोजरिंग की अनुमति वापस ले ली. उनकी मां की आत्महत्या की धमकी सुन प्रबंधन, पुलिस व सीआईएसएफ के लोग बैरंग लौट गये. इसके पहले प्रबंधन ने सुरक्षा गार्ड की जिम्मेवारी देने का वादा किया, जिसे रैयतों ने ठुकरा दिया.
गरीबी ले गई मौत के मुंह में
बताया जाता है कि अवैध खनन में मौत के शिकार हुए तीनों परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खस्ता है. एक का पति दिहाड़ी मजदूर तो दूसरी का पति वाहन चलाता है. एक अविवाहित थी और घर खर्च के लिये कोयला चुन कर लाती थी. दोनों महिलाओं के दो -दो छोटे बच्चें हैं. इस मौत पर स्वजन ठीक से आंसू भी नही बहा सके.
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