Noamundi (Sandip Kumar Prasad) : गुवा क्षेत्र के ठाकुरा गांव के बच्चे जान हथेली पर रख कर स्कूल पढ़ने के लिए रेलवे ट्रैक पार कर जाते हैं. विधायक फंड से वर्ष 2010 में सांसद गीता कोड़ा के प्रयास से ग्रामीणों के लिए ठाकुरा गांव से गुवा बाजार आने-जाने के लिए एक पुलिया का निर्माण कराया गया था. लेकिन इस पुलिया से ग्रामीण काफी लंबी दूरी तय गुवा बाजार आते हैं. वहीं, देश की आजादी से पहले रेलवे द्वारा बनाए गए रेलवे ओवरब्रिज को पार कर ग्रामीणों को गुवा आने में मात्र 5 मिनट का समय लगता है. इसी कम दूरी को लेकर स्कूली बच्चे भी जान हथेली पर लेकर रेलवे ओवरब्रिज पार कर स्कूल पढ़ने जाते हैं
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लोगों ने रेलवे विभाग से की ओवरब्रिज में सेंटर बनाने की मांग
लेकिन रेलवे ओवरब्रिज में अचानक से ट्रेन आ जाने पर दो ही रास्ते बच जाते हैं. एक तो यह कि रेलवे ओवरब्रिज से कारो नदी में छलांग लगाना या रेलवे ट्रैक में आत्महत्या करना. इससे कुछ साल पूर्व कई दुर्घटनाएं हो भी चुकी हैं. कई अपनी जान गवां चुके हैं. कईयों ने तो ट्रेन के नीचे आने से बचने के लिए रेलवे ओवरब्रिज से कारो नदी में छलांग लगाया और वह अपनी जान नहीं बचा पाए. अचानक से आए ट्रेन से बचने के लिए दोनों ही रास्ते मौत को आमंत्रण देते हैं. वहीं, इसे लेकर लोगों ने रेलवे विभाग से मांग की है कि अचानक से आए ट्रेन से बचने के लिए ओवरब्रिज में जगह-जगह लोगों के लिए सेंटर बनाया जाए, ताकि लोग वहां रुक कर ट्रेन पार हो जाने के बाद रेलवे ट्रैक पार कर सके.
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