- टीएसएफ की मदद से बंजर भूमि को बनाया उपजाऊ
Noamundi (Sandip Kumar Prasad) : पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी ब्लॉक में जेटेया नाम का एक गाँव है. जो जीपी जेटेया के अंतर्गत आता है. जहाँ कृषि आजीविका का प्रमुख स्रोत है. इस गांव के एक किसान का नाम है बुधराम तिरिया. उसने वर्ष 2023 में अपनी 2.43 हेक्टेयर भूमि पर ट्रेंच कम बंड (टीसीबी) बनाने पर सहमति व्यक्त की. इस परिवार के पास अधिकांश भूमि बंजर भूमि थी. प्रारंभ में वह इसे अपनाने में अनिच्छुक था. क्योंकि वह इसके लाभों का पता लगाने में असमर्थ थे. बाद में उन्होंने इसे टीएसएफ फील्ड स्टाफ की निगरानी में ले लिया.
इसे भी पढ़ें : आरा : बालू लदे ट्रक ने 6 लोगों को रौंदा, तीन की मौत, तीन की हालत गंभीर
इसके परिणाम स्वरूप अधिक पानी जमा होता है और अधिक पानी मिट्टी में घुस जाता है और मिट्टी को लंबे समय तक नमी प्रदान करता है और इस प्रकार फसल उत्पादकता बढ़ती है.अपने 2.43 हेक्टेयर टीसीबी क्षेत्र के अलावा, इस किसान के पास लगभग 1 एकड़ कृषि भूमि है. जिसमें उन्होंने लेमन ग्रास के साथ-साथ काली मसूर की खेती की है.टीसीबी के परिणाम स्वरूप मिट्टी में नमी मिलने के कारण पौधों की वानस्पतिक वृद्धि सामान्य से बेहतर हुई. इतना ही नहीं, टीसीबी के गठन के बाद इस वर्ष रबी सीजन की पुलिस लेने में भी वह सफल रहे.
इसे भी पढ़ें : बोकारो : जिले के सभी 1581 बूथों पर वॉलेंटियर रहेंगे तैनात- डीसी समेत 3 खबरें
पारंपरिक रबी फसलों यानी फूलगोभी, मटर, टमाटर के साथ-साथ उन्होंने पीली, बैंगनी फूलगोभी, ब्रोकोली आदि उगाई थी जो टीएसएफ, नोवामुंडी द्वारा प्रदान की गई थी. परिवार ने लगभग कमाई की है.काली मसूर और लेमन घास से 50,000/- रुपये और रबी सीजन के बाद उन्होंने लगभग 80,000 रुपये कमाए. वह अपने गांव के अन्य किसानों के लिए एक आदर्श बन गए हैं, क्योंकि इस वर्ष उनकी वार्षिक आय लगभग 2 लाख तक पहुंच गई है.
इसे भी पढें : चतरा में राजद का होली मिलन समारोह बना रणक्षेत्र, भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव, कई जवान घायल