Noamundi (Sandip Kumar Prasad) : सारंडा विकास समिति, जमकुंडिया, दुइया द्वारा सोमवार सुबह 6 बजे से गुवा खदान का उत्पादन एवं डिस्पेच दोनों को पुर्णता बंद कर दिया गया है. लगभग 200 की संख्या में पारंपरिक हथियारों के साथ ग्रामीण खदान के होपर पर बैठ गए हैं. स्थानीय प्रशासन जगन्नाथपुर एसडीओ, एसडीपीओ, नोवामुंडी अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी, गुवा पुलिस की मौजूदगी में समिति ने मांग पत्र सौंप प्रत्येक बिंदु पर प्रबंधन से लिखित आश्वासन की मांग की है.
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सीएसआर के तहत 10 दिनों के अंदर 20 व्यक्तियों को अस्थायी रोजगार प्रदान करेगी प्रबंधन
आंदोलनकारियों ने गुवा खदान से प्रभावित गांव के बेरोजगारों को नियमित रोजगार देने, गांव के युवकों को एसीटीटी पद पर बहाली के लिए स्थानीय रोजगार निबंधन कार्यालय से आमंत्रण पत्र भेजवाने की मांग की. इस पर गुवा प्रबंधन ने कहा कि नियमित रोजगार कंपनी के नियमानुसार ही की जाएगी. इसके लिए स्थानीय रोजगार निबंधन कार्यालय में ग्रामीण अपना नाम दर्ज करा दें. वहीं, गुवा खदान से प्रभावित लगभग 24 गांवों को अविलंब CSR की सूची में नाम जोड़ कर पेयजल, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधा प्रदान करने की मांग पर प्रबंधन ने कहा कि सीएसआर के तहत गांव को सम्मलित करने का अधिकार जिला प्रशासन के पास है. अतः सक्षम पदाधिकारी के पास अपना प्रस्ताव दर्ज करें. जिला प्रशासन या राज्य प्रशासन के आदेशानुसार सेल प्रबंधन कार्य करेगी. शिक्षित बेरोजगारों जैसे मैट्रीक, इंटर, आईटीआई पास करने वालों को स्थायी रोजगार देने की मांग पर प्रबंधन ने कहा कि प्रबंधन सीएसआर के तहत 10 दिनों के अंदर 20 व्यक्तियों को अस्थायी रोजगार प्रदान करेगी एवं आवश्यकतानुसार समय-समय पर इसकी संख्या में वृद्धि की जाएगी.
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प्रभावित क्षेत्रों में भूमी को पुनः उपजाऊ करने के लिए 3 करोड से ज्यादा का खर्च करेगी प्रबंधन
वहीं, ग्रामिणों को सेल अस्पताल में निःशुल्क इलाज, भर्ती, रेफर किए जाने पर एबुलेंस की व्यवस्था, आईजीएच राउरकेला में भर्ती एवं मरीज के अभिभावक द्वारा बाहर से दवा मंगाने पर बिलों का भुगतान, गंगदा व छोटानागरा पंचायत के लिये अलग-अलग दो एम्बुलेंस, प्रभावित गांवों के स्कूलों में शिक्षक की बहाली व सेल द्वारा संचालित डीएवी गुवा स्कूल में बच्चों को निःशुल्क शिक्षा व रहने की व्यवस्था, गांव से गुवा साप्ताहिक बाजार आने-जाने हेतु बस की सुविधा की जाने क मांग की गई. इस पर प्रबंधन ने कहा कि प्रभावित गांवों को सीएसआर की सूची में सम्मलित करने पर यह व्यवस्था की जाएगी. प्रभावित गांवों में सेल खदान से निकलने वाली मिट्टी, मुरुम से बंजर भूमी को पुनः उपजाऊ करने व मुआवजे के भुगतान पर गुवा प्रबंधन ने कहा कि हम प्रत्येक वर्ष बोल्डर वाल का निर्माण करते है व लाल पानी को रोक स्वच्छ पानी को छोड़ा जाता है. इसके अलावा प्रभावित क्षेत्रों में भूमी को पुनः उपजाऊ करने हेतु सेल प्रबंधन ने वन विभाग के पास 6 करोड़ रुपये जमा कराया है. इसके अलावा प्रबंधन भी इस पर 3 करोड से ज्यादा का खर्च करेगी. उक्त समिति गुवा खदान में वेंडर लाइसेंस हेतु रजिस्ट्रेशन कराये, उसके बाद हम समय-समय पर इस तरह के काम में भागीदारी के लिए आमंत्रित करेंगे. सीएसआर गांवों में दी जाने वाली सुविधा निरंतर जारी रखने की बात गुवा प्रबंधन ने कही. उक्त मांगों पर प्रबंधन द्वारा आश्वासन देने पर सभी ग्रामीणों ने अपना आंदोलन वापस लिया.
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ये थे उपस्थित
इस दौरान पुलिस प्रशासन के अधिकारियों में जगन्नाथपुर एसडीओ शंकर एक्का, नोवामुंडी अंचल अधिकारी सुनील चंद्रा, किरीबुरु एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, किरीबुरु इंस्पेक्टर बिरेंद्र एक्का, गुवा थाना प्रभारी अनिल कुमार यादव, नोवामुंडी थाना प्रभारी अंकिता सिंह, नोआमुंडी महिला थाना प्रभारी आनंद तिग्गा, बड़ाजामदा ओपी प्रभारी बासुदेव टोप्पो, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के उप कमांडेंट राकेश चंदन, सेल प्रबंधन के अधिकारियों में गुवा सेल के मुख्य महाप्रबंधक विपिन कुमार गिरी, कार्मिक एवं प्रशासनिक महाप्रबंधक नरेंद्र कुमार झा तथा आंदोलन करने वालों में गंगदा पंचायत के मुखिया सुखराम सांडिल, मानकी लागुडा देवगम सहित 10 गांव के मुंडा मानकी एवं ग्रामीण मौजूद थे.
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