LagatarDesk : भारत में अभी तक 5G टेक्नोलॉजी लॉन्च नहीं की गयी है. लेकिन साल 2022 के अंत तक लोगों को 5G की सुविधा मिलने की उम्मीद है. वहीं 6G टेक्नोलॉजी पर भी तेजी से काम चल रहा है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टास्ट फोर्स को तैयार किया है. इसी बीच दावोस में हो रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फॉरम में नोकिया (Nokia) के सीईओ (CEO) पेक्का लुंडमार्क (Pekka Lundmark) ने 6G टेक्नोलॉजी को लेकर भविष्यवाणी कर दी. जो काफी आशचर्य जनक है. (पढ़े, जाति आधारित जनगणना मंडल आंदोलन के नए दौर के आगाज का संकेत)
6G के आने से पहले लोग इस्तेमाल करने लगेंगे स्मार्ट ग्लासेस
Nokia के CEO लुंडमार्क ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फॉरम में कहा कि साल 2030 तक 6G टेक्नोलॉजी शुरू हो जायेगी. लेकिन तब तक स्मार्टफोन ‘कॉमन इंटरफेस’ नहीं होंगे. यानी जो स्मार्टफोन आज जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा बन गया है. जिससे लोग एक पल भी दूर नहीं रह सकते हैं. 6G के आने से पहले ही ज्यादातर लोगों की जिंदगी से स्मार्टफोन हट चुका होगा. यानी इसका अस्तित्व 2030 तक समाप्त हो सकता है. लोग स्मार्टफोन की तुलना में स्मार्ट ग्लासेस और दूसरे डिवाइस को यूज करने लगेंगे. हालांकि, लुंडमार्क ने ये नहीं बताया है कि वह किस डिवाइस के बारे में बात कर रहे हैं.
इसे भी पढ़े : लीजेंड फुटबॉलर पेले की रूस से अपील, युद्ध रोकें… व्लादिमीर पुतिन के नाम इमोशनल मैसेज लिखा
एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक इसी पर कर रही काम
बता दें कि एलन मस्क की न्यूरालिंक (Neuralink ) फिलहाल इस पर काम कर रही हैं और ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस तैयार कर रही हैं. पिछले साल अप्रैल में मस्क ने एक फुटेज रिलीज कर इसका डेमो दिखाया था. वीडियो में उन्होंने दिखाया कि कैसे एक अफ्रीकी लंगूर के दिमाग में चिप लगायी गयी है और वह केवल सोचने भर से वर्चुअल पैडल को मूव कर रहा था.
इसे भी पढ़े : यूपी में टैक्स फ्री हुई फिल्म सम्राट पृथ्वीराज, सीएम योगी ने मूवी देखने के बाद किया ऐलान