Nirsa : झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित कुमारधुबी स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है. स्टेशन स्थित जीआरपी पीपी पोस्ट में जवानों की संख्या कम है. जितने जवान हैं, उनके पास हथियार तक नहीं है. लाठी-डंडे के भरोसे सुरक्षा की जिम्मेवारी संभाल रहे हैं, जबकि कुमारधुबी स्टेशन से प्रतिदिन हजारों यात्री आवागमन करते हैं.
पोस्ट में प्रभारी अनिल कुमार सिंह के अलावा 4 एएसआई, एक हवलदार व 4 आरक्षी के जवान हैं. इस स्टेशन पर सुरक्षा की दृष्टि से इनकी संख्या लगभग बीस रहनी चाहिए. प्रभारी ने कहा कि इस स्टेशन पर बल बढाने की मांग वह वरीय अधिकारियों से कर चुके हैं. पोस्ट के अंतर्गत कुमारधुबी, मुगमा स्टेशन, थापरनगर स्टेशन, कालूबथान, छोटा अम्बोना सहित प्रधानखंटा स्टेशन के आउटर तक का क्षेत्र आता है. सुरक्षा सहित रेल लाइन पर हादसे में मरनेवालों का पोस्टमार्टम कराने की भी जिम्मेवारी उन्हीं के कंधों पर होती है. कई बार जवानों के पास हथियार नहीं रहने के कारण जीआरपी जवानों को अपराधियों के हमले तक का सामना करना पड़ता है.
जानकारी हो कि 27 जुलाई 2015 को रात्रि में स्टेशन पर घूम रहे दो अपराधियों को देख जब जीआरपी जवान पूछताछ करने पहुंचे तो उनपर हमला कर दिया गया. अपराधियों के पास हथियार थे. इस कारण जवानों को पीछे हटना पडा. वे निहत्थे सिर्फ लाठी-डंडे के भरोसे थे. ऐसी घटनाएं कई बार घट चुकी हैं. स्टेशन परिसर की सुरक्षा को लेकर यहां बराकर आरपीएफ पोस्ट से केवल एक ही जवान की तैनाती की जाती है. लेकिन उनके पास भी हथियार तक नहीं रहता. इस स्टेशन पर पहले चार आरपीएफ की तैनाती की जाती थी.
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