Ranchi : मोबाइल ऐप से बजट पर राय लेने के मुद्दे पर बीजेपी ने कहा है कि यह हमर अपन बजट नहीं होकर सरकार कर मनमौजी बजट होई. प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जब गांव में राज्य सरकार कनेक्टिविटी नहीं पहुंचा पायी है, तो यह बजट जाहिर है मनमौजी होगा. राज्य सरकार मोबाइल ऐप के जरिए बजट बनाने के लिए सुझाव मांग रही है. जबकि वर्तमान सरकार की उदासीनता के कारण पिछले 2 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी का काम ठप है. अब इन क्षेत्र के आदिवासी मूलवासी अपनी राय देने से वंचित हो जायेंगे.
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मोदी सरकार गांवों में बढ़ा रही मोबाइल कनेक्टिविटी
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य के 19 जिलों के 800 से अधिक गांवों में 4जी सेवा बेहतर होने से डिजिटाइजेशन को भी अब केंद्र सरकार बढ़ावा देने जा रही है. जहां पर टेलीकॉम सेवाएं नहीं थी, वहां अब मोबाइल सेवा के लिए मोबाइल टावर लगाये जायेंगे. इससे कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी. इसमें राज्य सरकार का कोई योगदान नहीं है.
राजशाही पर खर्च करने के लिए हैं पैसे, लेकिन गरीबों के लिए नहीं
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक ओर फंड की कमी का रोना रोती है, लेकिन जब मुख्यमंत्री के लिए 80 लाख के बीएमडब्ल्यू गाड़ी खरीदने और 11 मंत्रियों के लिए 70 करोड़ में आलीशान स्विमिंग पूल युक्त बंगले बनाने की बात होती है तो इनके पास फंड उपलब्ध हो जाता है. वहीं जब स्वास्थ्य क्षेत्रों को सुदृढ़ करने और बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात होती है तो सरकार फंड का रोना रोने लगती है. प्रतुल ने कहा राज्य सरकार का दोहरा राजनीतिक चरित्र इस पूरे मामले में साफ दिखता है.
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