Ranchi: सूबे में विभिन्न समुदायों में हुई हिंसक झड़प एवं अन्य मौकों पर अधिकारियों द्वारा संबंधित जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करने के आदेश के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र एवं आनंदा सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते की. इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. अदालत ने पूछा है कि इंटरनेट सेवा बंद करने से पहले उस आदेश को प्रकाशित क्यों नहीं किया गया. ऐसी कौन सी स्थिति थी जिसमें ऐसे फैसले लिए गए. मामले की अगली सुनवाई अब 11 सितंबर को रखी गई है. इस पर सरकार का जवाब आना है, अदालत को अपनी याचिका में प्रार्थी ने बताया है की राजधानी रांची समेत कई जिलों में हिंसा की आशंका को लेकर इंटरनेट सेवा अचानक बंद कर दी जाती है. इससे संबंधित अधिकारियों के आदेश को प्रकाशित किए बिना शहरों में इंटरनेट सेवा बंद करना गलत है. इसे आम लोगों को जानकारी नहीं मिल पाती, जबकि ऐसे फैसलों को पहले सार्वजनिक होना चाहिए. प्रार्थी ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश अनुराधा बासिन बनाम केंद्र सरकार का उदाहरण दिया है.