Ranchi: झारखंड के लोगों के लिए 108 एंबुलेंस सेवा किसी वरदान से कम नहीं है. तत्कालीन रघुवर सरकार द्वरा इस सेवा की शुरुआत 14 नवंबर 2017 को हुई थी. तब से लेकर आज तक राज्य के 8 लाख 40 हजार 934 लोगों ने एंबुलेंस सेवा का लाभ लिया है. टॉल फ्री नंबर 108 पर कॉल करते ही जरुरतमंद व्यक्ति तक एंबुलेस पहुंच जाता है. अब नयी व्यवस्था के तहत राज्य के लोगों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से संचालन करने वाली कंपनी जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड ने जीवनदूत एप लॉन्च किया है. एप के जरिये संबंधित व्यक्ति तक एंबुलेंस जल्द से जल्द पहुंचे ऐसी व्यवस्था कायम करने का प्रयास किया गया है.
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सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को पहुंचाया गया अस्पताल
आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 3 लाख 61 हजार 101 (43%) गर्भवती महिलाओं को 108 एंबुलेंस सेवा ने अस्पताल पहुंचाने का काम किया है. हालंकि, इसी बीच 8461 (1%) महिलाओं ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया, लेकिन एंबुलेंस में तैनात टेक्निशियन ने स्थिति को संभालते हुए जच्चा और बच्चा दोनों को बचाने का काम भी किया है.
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कोरोना काल में 108 एंबुलेंस सेवा ने निभाई है महत्वपूर्ण भूमिका
शहरी क्षेत्र में 108 एंबुलेंस 15 मिनट 26 सेकेंड के औसत समय पर पहुंची है. जबकि ग्रामीण क्षेत्र में एंबुलेंस के पहुंचने का औसत समय 21 मिनट 30 सेकेंड है. वहीं सड़क हादसे में घायल 1 लाख 46 हजार 484 (17%) लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है. जबकि कोरोना काल में 108 एंबुलेंस लोगों के लिए वरदान साबित हुआ. महामारी के इस घड़ी में जब प्राइवेट एंबुलेस महज कुछ किलोमीटर के लिए हजारों रुपये वसूल रहे थे, उस वक्त 108 ने राज्य के 39463 (5%) संक्रमितों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया है.
झारखंड में 337 एंबुलेंस का हो रहा संचालन
जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड के सेंटर हेड मिल्टन सिंह ने कहा कि झारखंड में कुल 337 एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है. इनमें एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस कि संख्या 50 है. जबकि बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की संख्या 287 है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा 31 एंबुलेंस रांची जिले में संचालित किए जा रहे है. जबकि लोहरदगा और खूंटी में पांच-पांच एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है.