Bengluru : वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद यूपी की एक अदालत ने परिसर को सील करने का आदेश दिया है. याचिकाकर्ताओं ने मस्जिद परिसर में पूजा की इजाजत मांगी थी. अब कर्नाटक में एक मस्जिद को लेकर इसी तरह का विवाद जन्म ले रहा है. यह विवाद टीपू सुल्तान के जमाने में बनाई गई एक मस्जिद को लेकर है. हिंदू संगठनों का दावा है कि यहां एक हनुमान मंदिर हुआ करता था.
मस्जिद के पूरे दस्तावेज की जांच होनी चाहिए
कर्नाटक के मांड्या स्थित जामिया मस्जिद में मंदिर होने का दावा किया गया है. इस मंदिर में पूजा करने की मांग की शुरुआत हो गयी है. इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर को एक ज्ञापन सौंपा गया है. हिंदू कार्यकर्ताओं के अनुसार, जामिया मस्जिद को मंदिर तोड़कर बनाया गया है, जिसके सबूत संस्था के पास उपलब्ध हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि जामिया मस्जिद के पूरे दस्तावेज की जांच होनी चाहिए. जामिया मस्जिद का जिक्र टीपू सुल्तान ने अपने एक पत्र में किया है. हिंदुओं का दावा है कि वाराणसी की ज्ञानवापी की तरह मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनायी गयी है.
अंजनेय मंदिर के ऊपर बनाया गया मस्जिद
दक्षिणपंथी संस्था के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन में कहा है कि जामिया मस्जिद असल में एक मंदिर है, जिसे बाद में तोड़कर मस्जिद का रूप दिया गया. वहीं, कार्यकर्ताओं के अनुसार, टीपू सुल्लान ने इस मस्जिद का जिक्र फारस खलिफ के राजा को लिखी गयी चिट्ठी में किया है. कार्यकर्ताओं ने डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपते हुए पुरातत्व विभाग से जामिया मस्जिद के दस्तावेजों को देखने के साथ पूरे मामले की जांच करने की मांग की है.
ढांचे की पूजा और तालाब में नहाने की इजाजत मांगी
ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने पूजा करने के साथ-साथ मस्जिद में मौजूद तालाब में नहाने की इजाजत मांगी है. उनका कहना है कि अंजनेय मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी है, जिसे आज मस्जिद बताया जा रहा है, वह पूर्व में अंजनेय मंदिर हुआ करता था. इसके ऐतिहासिक प्रमाण भी मौजूद हैं.
क्या है मस्जिद का इतिहास
बेंगलुरु से 120 किलोमीटर की दूरी पर श्रीरंगपट्टन में एक मस्जिद है. कहा जाता है कि श्रीरंगपट्टन टीपू सुल्तान की राजधानी हुआ करता था. यहीं किले में यह जामिया मस्जिद है. कहा जाता है कि विजय नगर साम्राज्य के समय में यह किला बनाया गया था. बाद में टीपू सुल्तान ने इसपर कब्जा कर लिया. मस्जिद के अंदर मिले पारसी लेखों से पता चलता है कि मस्जिद का निर्माण 1782 में हुआ था. सुल्तान ने अपने महल के करीब ही इस मस्जिद को बनवाया था. मस्जिद में एक मदरसा भी चलता है. एएसआई इस इमारत की हिफाजत करता है.
मस्जिद के अंदर अब भी हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां
नरेंद्र मोदी विचार मंच नाम के हिंदू संगठन ने मस्जिद में पूजा की मांग को लेकर मंडी डिप्टी कमिश्नर को निवेदन सौंपा है. इसमें लिखा गया है कि मस्जिद परिसर में नमाज बंद करवा दी जाए. दावा किया गया है कि मस्जिद के अंदर अब भी हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं. मंच के राज्य सचिव सीटी मंजुनाथ ने कहा कि यहां मंदिर होने के सबूत मौजूद हैं. यह भी दावा किया गया है कि मस्जिद की दीवारों से हिंदू शिलालेख मिले हैं. इसके अलावा मस्जिद के पिलर की डिजाइन का हवाला देकर कहा जा रहा है कि यह किसी मंदिर का शिल्प है. काली मठ के ऋषि कुमार स्वामी का दावा है कि 1784 में मैसूर किंग द्वारा बनाए गए मंदिर को तोड़कर टीपू सुल्तान ने मस्जिद बनवाई थी. एक मस्जिद को गिराने को लेकर धमकी देने के बाद स्वामी को जनवरी में गिरफ्तार किया गया था. अब वह बेल पर बाहर हैं.
कर्नाटक के मंत्री के ईश्वरप्पा ने भी माना है
इसी बीच कर्नाटक के मंत्री के ईश्वरप्पा ने भी कहा है कि मुगल काल में भारत में करीब 36 हजार मंदिरों को तोड़ा गया. उन्होंने कहा कि कानून का सहारा लेकर उन मंदिरों को वापस बनाया जाएगा. इसमें किसी को परेशानी नहीं होगी. वहीं अब मस्जिद के अधिकारियों ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है.
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