Ranchi : राजधानी के बीचों-बीच स्थित स्वामी विवेकानंद सरोवर (बड़ा तालाब) के अधूरे सुंदरीकरण काम जल्द शुरू होगा. ये अधूरे काम पहले फेज में बची राशि से किया जाएगा. बची हुई राशि करीब 4 करोड़ 32 लाख 81 हजार (4.32 करोड़) हैं. इस राशि से तालाब के चारों ओर बाकी पड़े पाथवे का काम पूरा किया जाएगा.
बता दें कि पाथवे को पूरा करने के लिए तालाब के चारों तरफ कई पिलर गाड़े गए हैं, लेकिन काम बंद हो जाने के कारण यह पिलर आज भी यूं ही तालाब में पड़े हुए है. इसके अलावा इसी बची राशि से तालाब के चारों तरफ लाइटिंग और घूमने आने वाले यात्रियों के बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था और तालाब के पास स्थित पुराने घाट का जीर्णोद्धार कराया जाएगा. जीर्णोद्धार में करीब 12 लाख रुपए राशि खर्च की जाएगी.
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अधूरे पाथवे सहित कई कामों के लिए टेंडर निकाला
पाथवे सहित सुंदरीकरण के बचे कामों के लिए रांची नगर निगम ने एक टेंडर जारी किया है. इसके अलावा बहुत जल्द बड़ा तालाब में बोटिंग की सुविधा शुरू की जाएगी. साथ ही तालाब के बीचों-बीच स्थित टापू में निगम एक कैफेटेरिया भी खोलेगा. बोटिंग करते हुए लोग टापू तक पहुंचेंगे. हालांकि इस काम के लिए निगम पीपीपी मोड का सहारा लेगा. इसके लिए निगम जल्द ही एक टेंडर भी निकालेगा.
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10 करोड़ रुपये खर्च कर तालाब में बड़े-बड़े पिलर, फिर काम को अधूरा छोड़ा
बता दें कि राजधानी के ह्दय स्थल में बसे विवेकानंद सरोवर (बड़ा तालाब) के सौंदर्यीकरण के पहले फेज पर बड़ी राशि खर्च कर दी गयी है. पहले फेज में करीब 17 करोड़ रुपये खर्च किया जाना था. इसके बावजूद बड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण का काम आज तक अधूरा ही पड़ा है. अब तक केवल तालाब के चारों ओर पाथ-वे बनाने के नाम पर ही 10 करोड़ रुपये फूंक दिये गये. इसके लिए तालाब में बड़े-बड़े पिलर तक गाड़े गये.
लेकिन काम को अधूरा छोड़ दिया गया. सभी पिलर आज भी तालाब में यूं ही पड़े हुए हैं. तालाब के चारों तरफ कंक्रीट का पाथवे बनाने का असर यह हुआ है कि तालाब में बरसात का पानी नहीं आता है. इससे तालाब के जलस्तर पर भी बुरा असर पड़ा है.
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पूर्ववर्ती भाजपा के इस योजना से मुख्यमंत्री हेमंत भी जता चुके हैं नाराजगी
12 जनवरी 2020 को बड़ा तालाब में लगे विवेकानंदजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी वहां की व्यवस्था देख नाराजगी थी. पर्यटन विभाग और नगर निगम के अफसर तालाब की दुर्दशा पर अपनी दलील देने की कोशिश कर रहे थे, पर सीएम को वे संतुष्ट नहीं कर पाए. सीएम ने कहा कि तालाब बड़ा था, कैसे सिकुड़ गया. अफसरों ने बताया कि पाथवे का काम हो रहा था, उसका मटेरियल रखे होने से छोटा लग रहा है.
इसपर हेमंत सोरेन ने कहा था कि यह सब नहीं चलेगा. इतनी बड़ी प्रतिमा यहां लगा दिए हो और न तो तालाब का पानी साफ है और न ही सफाई की व्यवस्था. ऐसे में इतने बड़े प्रोजेक्ट का क्या फायदा. सुंदरीकरण योजना के पहले फेज में लगे इस प्रतिमा बनाने में करीब 3 करोड़ खर्च हुए हैं.
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