NewDelhi : देश के नये संसद भवन (सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट) बनाने का खर्च लगभग 29 प्रतिशत बढ़कर 1,250 करोड़ रुपए हो जाने की खबर है. जानकारी के अनुसार पहले इसे 971 करोड़ रुपए में बनाया जाना था. अब खर्च में 229 करो़ड़ रुपए का इजाफा हुआ है. खर्च बढ़ने की वजह एडिशनल वर्क, कंस्ट्रक्शन प्लान में बदलाव और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाना है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का यह दावा है.
रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने संशोधित अनुमानित लागत के लिए लोकसभा सचिवालय से सैद्धांतिक मंजूरी मांगी है. खबर है कि CPWD ने हाल ही में पांच सदस्यीय पैनल को प्रोजेक्ट की कॉस्ट डीटेल्स और वर्क-इन-प्रोग्रेस डीटेल्स प्रस्तुत की है. जान लें कि इस पैनल को सरकार ने मेगा सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत सभी काम की निगरानी के लिए बनाया है.
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प्रोजेक्ट का काम 40प्रतिशत पूरा, अक्टूबर 2022 है डेडलाइन
नये संसद भवन का काम टाटा को 971 करोड़ रुपए में दिया गया है. 40 प्रतिशत काम पूरा होने की बात कही जा रही है. सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट के पूरे होने की डेडलाइन अक्टूबर 2022 रखी गयी है. सरकार चाहती है कि नये भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित किया जाये. एडिशनल वर्क और कंस्ट्रक्शन प्लान में बदलाव के बाद भी प्रोजेक्ट के पूरे होने की डेडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
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13 एकड़ में बन रहा नया भवन
प्रस्तावित चार मंजिला नया संसद भवन 13 एकड़ में बन रहा है.यह राष्ट्रपति भवन से कुछ ही दूरी पर है. पहले इस प्रोजेक्ट के 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले खत्म होने की उम्मीद थी. बाद में समय सीमा अक्टूबर तक बढ़ाई गयी. सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत नया त्रिकोणीय संसद भवन, प्रधानमंत्री आवास, PMO, उप राष्ट्रपति भवन, एक कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बनाने के साथ ही राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक कॉरिडोर को नए सिरे से संवारा जा रहा है.
क्यों बनाया जा रहा नया संसद भवन
मौजूदा संसद भवन 95 साल पहले 1927 में बनाया गया था. मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है. लोकसभा सीटों के नये सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगी, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह नहीं है. इसी वजह से नया संसद भवन बनाया जा रहा है.