LagatarDesk : कोरोना काल में दवाओं की किल्लत हो गयी थी. ऐसे में केमिस्ट ओवररेट पर दवाओं की बिक्री कर रहे थे. इस पर लगाम लगाने के लिए नियामक एजेंसी राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने 84 दवाओं (Medicines) की खुदरा कीमत तय कर दी है. इसके बाद कोई भी केमिस्ट ओवर रेट पर दवा नहीं बेच पायेगा. एनपीपीए ने जिन दवाओं की कीमतें तय की है, उनमें डायबिटीज (Diabetes), सिरदर्द (Headache), हाई ब्लडप्रेशर (High Blood Pressure) सहित कई बीमारियों के इलाज में काम आने वाली दवाएं शामिल हैं. (पढ़ें, आज भी अंडमान निकोबार में भूकंप से धरती कांपी, रिक्टर स्केल पर 5.0 थी तीव्रता
2.88 रुपये में मिलेगी पैरासिटामोल की एक टैबलेट
NPPA के नोटिफिकेशन के अनुसार, इसके बाद कोलेस्ट्राल और ट्राइग्लिराइड लेवल घटाने में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के दाम भी कम हो जायेंगे. वहीं अब एक पैरासिटामोल-कैफीन (Paracetamol-Caffeine) टैबलेट 2.88 रुपये, रोसुवास्टानिन एस्पिरिन एंड क्लोपिडोग्रेल कैप्सूल 13.91 रुपये और वोग्लिबोस एंड (एसआर) मेटफोर्मिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट 10.47 रुपये में मिलेगी.
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हृदय रोग और मधुमेह में काम आने वाली दवा की कीमत 13.87 रुपये
अन्य दवाओं की बात करें तो सिप्ला और प्योर एंड केयर हेल्थकेयर (Cipla and Pure & Care Healthcare) द्वारा बेची जाने वाली एटोरवास्टेटिन और फेनोफिब्रेट टैबलेट अब 13.87 रुपये में मिलेगी. इस दवा का उपयोग हृदय रोग और मधुमेह से पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है. इसके अलावा वोग्लिबोस एंड (SR) मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की एक टैबलेट की कीमत 10.47 रुपये तय की गयी है. इसमें जीएसटी को नहीं जोड़ा गया है.
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दवाओं को ज्यादा रेट पर बेचने से होगी कार्रवाई
मालूम हो कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण NPPA ने नोटिफिकेशन में कहा है कि फार्मा कंपनियों को निश्चित कीमतों का सख्ती से पालन करना होगा. यदि कोई विक्रेता इन दवाओं को ज्यादा रेट पर बेचता पाया गया तो उस विभागीय कार्रवाई की जायेगी. साथ ही अगर वो खुदरा कीमत से अतिरिक्त कीमत वसूलते हैं तो वसूली गयी अतिरिक्त राशि का ब्याज सहित भुगतान करना होगा. नोटिफिकेशन के अनुसार, खुदरा कीमत में जीएसटी को नहीं जोड़ा गया है. जीएसटी अलग रहेगा. लेकिन दवा उत्पादक इसकी वसूली तभी कर सकेंगे, जब उन्होंने खुद भी सरकार को खुदरा कीमत पर जीएसटी का भुगतान किया हो .
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दवाओं की निगरानी करता है नियामक
गौरतलब है कि एनपीपीए देश में दवाओं और फॉर्म्युलेशन की कीमत तय करना, उन पर नियंत्रण और उपलब्धता बनाये रखने का कार्य करता है. इसके तहत अगर कोई दवा उत्पादक ज्यादा कीमत लेती है तो फिर उससे वसूली का कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा जो दवाएं कीमत नियंत्रण सूची में नहीं हैं, एजेंसी द्वारा उन दवाओं की भी निगरानी की जाती है. दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के आधार पर NPPA ने 84 दवाओं की खुदरा कीमतें तय की हैं.
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