NewDelhi : अगर हमें कल के लिए तैयारी करनी है तो हमें बदलना ही होगा. आर्म्ड फोर्सेज की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव जरूरत के चलते हुआ है. अग्निपथ कोई स्टैंडअलोन योजना नहीं है. सेना में चार साल बिताने के बाद अग्निवीर जब वापस जायेगा तो वह स्किल्ड और ट्रेन्ड होगा. वह समाज में सामान्य नागरिक की तुलना में कहीं ज्यादा योगदान कर पायेगा. यह सब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने न्यूज एजेंसी ANI को दिये इंटरव्यू में कहा.
#WATCH | “Yes, they are a vulnerable section & need protection. Govt has taken various steps in the past & probably much more has to be done and that is being done,” says NSA Ajit Doval on the issue of Kashmiri Hindus pic.twitter.com/Q7yZqHSdf3
— ANI (@ANI) June 21, 2022
#WATCH “We will not beg for peace at any terms,” asserts National Security Advisor Ajit Doval on Pakistan pic.twitter.com/H8Uk4aI1eK
— ANI (@ANI) June 21, 2022
NSA ने अग्निपथ योजना से जुड़ी भ्रांतियां दूर करने की कोशिश की
NSA ने अग्निपथ योजना से जुड़ी कई भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की. ट्रेनिंग पर चर्चा करते हुए डोभाल ने कहा कि अग्निवीर कभी पूरी सेना तो बनेंगे नहीं. जो अग्निवीर रेगुलर आर्मी में जायेंगे, उनकी कड़ी ट्रेनिंग होगी, अनुभव हासिल करने के लिए समय मिलेगा. डोभाल ने कहा कि पहला अग्निवीर जब रिटायर होगा, तो वह 25 साल का होगा. उस वक्त भारत की इकनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर की होगी. NSA ने कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को ऐसे लोग चाहिए होंगे.
NSA के अनुसार अग्निपथ से युवाओं को बेहद कम उम्र में इतना अनुभव हासिल होगा, उनकी स्किल्स डिवेलप होंगी. 25 साल की उम्र में वे सामान्य नागरिकों से कहीं ज्यादा योग्य और प्रशिक्षित होंगे. डोभाल ने कहा कि सेवा से बाहर होने के बाद अग्निवीर देश के अलग-अलग हिस्सों में जायेंगे. उनमें सेना का जूनून और जज्बा कूट-कूटकर भरा होगा. ये लोग बदलाव के वाहक बनेंगे.
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बदलाव आता है तो ऐसा होता ही है, घबराहट होती है
नयी भर्ती योजना के खिलाफ देशभर में हुए प्रदर्शन पर अजीत डोभाल ने कहा कि बदलाव आता है तो ऐसा होता ही है, घबराहट होती है. NSA ने कहा कि ऐलान के बाद से धीरे-धीरे युवाओं को समझ आने लगा है कि यह तो उनके फायदे की बात है. युवाओं के जो भय वह दूर हो जायेगा.
विरोध करने वालों के वेस्टर्न इंटरेस्ट
इस क्रम में अजीत डोभाल ने कहा कि एक दूसरा वर्ग है जिसे देश की शांति, सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है. वे बस ऐसे मुद्दे ढूंढ़ते हैं जहां भावुकता को बढ़ावा दिया जा सकता है. जो अग्निवीर बनना चाहते हैं, वो इस तरह हिंसा नहीं करते. कहा कि कुछ लोग जिनके पश्चिमी हित हैं, कोचिंग चला रहे हैं, हमें अंदाजा था कि ऐसा होगा. लेकिन एक बार उन्होंने प्रदर्शन की हदें पार कीं, राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवज्ञस्था के लिए खतरा बनने लगे, तो सख्ती करनी पड़ेगी. डोभाल ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध की इजाजत है, अराजकता की नहीं.
अग्निपथ योजना से सेना के कमजोर होने के संदेह को सिरे से खारिज कर दिया.
अग्निपथ योजना से सेना के कमजोर होने के संदेह को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना सेना को मजबूत करने के लिए लायी गयी है, उसके कमजोर होने का कोई सवाल ही नहीं है. यह बिल्कुल निराधार है. कहा कि मैं सुरक्षा क्षेत्र में 50 वर्षों से सेवा दे रहा हूं. मैं अपने अनुभवों के आधार पर कहता हूं कि समाज में शांति तभी होती है जब नागरिक कानून का पालन करते हैं. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि सेना का अनुशासन सीखकर लौटे अग्निवीर न केवल कानून का सबसे ज्यादा सम्मान करेंगे बल्कि पूरे समाज पर अपनी छाप छोड़ेंगे. इसलिए यह कहना कि अग्निवीर समाज के लिए घातक हो सकते हैं, यह बिल्कुल उल्टा है. वो समाज की शांति के गारंटी देंगे.