Ranchi : एनटीपीसी को लिए वर्ष 2022- 23 उपलब्धि वाला साल रहा. एनटीपीसी झारखंड, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ की चार कोयला खदानों से रिकार्ड कोयला खनन कर देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में योगदान दिया है. रविवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्थ मजूमदार, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (कोयला खनन) ने कहा एनटीपीसी कोल माइंस से कोयले का रिकार्ड उत्पादन हुआ है. अप्रैल 2022 के मुकाबले 2023 में 2.95 एमटी कोयला का खनन किया है, जो अपने उच्च स्तर पर पहुंच गया. पिछले वर्ष की तुलना में कोल उत्पादन में 140% वृद्धि हुई है. कंपनी का कोयला उत्पादन कुल 23.2 मिलियन टन था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 65% अधिक है. पार्थ मजूमदार ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में चट्टी बरियातू खदान, साउथ पिट (विस्तार) और तलाईपल्ली कोयला खदान के वेस्ट पिट से कोयले का उत्पादन शुरू हुआ. गुणवत्ता वाले कोयले की एनटीपीसी बिजली स्टेशनों को आपूर्ति की जा रही है. इस वर्ष भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा एनटीपीसी को 34 एमटी का लक्ष्य दिया गया है. राज्य सरकार और एनटीपीसी के सभी सहयोगियों के सर्वोत्तम प्रयासों से लक्ष्य हासिल हुआ है. 100 एकड़ में किए गये अवैध खनन के सवाल पर मजूमदार ने कहा कि एनटीपीसी ने पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना में कोई अवैध खनन नहीं किया है.
सड़क मार्ग से कोयले की ढुलाई कम कर दी गई है
उन्होंने बताया कि सीएसआर के तहत, एनटीपीसी की कोयला खनन परियोजनाओं के सामुदायिक विकास गतिविधियों के अलावा, कोयला खनन मुख्यालय ने झारखंड राज्यों के सभी कोयला खनन परियोजना क्षेत्रों और इसके आसपास के क्षेत्रों से 4 लड़कियों सहित 80 युवाओं को प्रशिक्षण देकर 100% जॉब प्लेसमेंट दिया है. पकरी बरवाडीह खदान में कन्वेयर सिस्टम को चालू करके और दुलंगा और तलाईपल्ली खदानों में पिट हेड से पावर प्लांट तक रेल परिवहन का उपयोग करके सड़क मार्ग से कोयले की ढुलाई कम कर दी गई है. बताया कि एनटीपीसी ने एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड (एनएमएल) को शामिल किया है. कोयला मंत्रालय, भारत सरकार ने हाल ही में एनटीपीसी की कोयला खदानों को एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड को हस्तांतरित करने की अनुमति दी है. प्रेस वार्ता में नवीन जैन, सीजीएम (सी एंड एम), टी के कोनार, जीएम (तकनीकी सेवाएं), के एस मूर्ति, जीएम (मानव संसाधन), अरुबा घोष, एजीएम (इंजीनियरिंग), रंजीत प्रसाद एजीएम (माइनिंग), जियाउर रहमान, एजीएम (एचआर) वाई देवाशीष, डीजीएम (एचआर) और अमित कुमार बेहरा, सीनियर मैनेजर (निगम संचार) मैजूद थे.
37.20 हेक्टयर भूमि पर अवैध खनन नहीं किया
शुभम संदेश के सवाल के जवाब में मजूमदार ने कहा कि एनटीपीसी ने पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना में कोई अवैध खनन नहीं किया गया है. शुभम संदेश ने 100 एकड़ में किए गये अवैध खनन को लेकर सवाल किया था.
क्या कहा था सदन में सरकार ने
विधानसभा के बजट सत्र में सरकार ने स्वीकार किया था कि एनटीपीसी की पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना में भारत सरकार की शर्त-8 का उल्लंघन करते हुए दुमुहानी नाला बेउ में कुल 37.20 हेक्टयर भूमि पर अवैध खनन किया गया है. इसकी सूचना पूरे डिटेल के साथ राज्य सरकार और भारत सरकार को समर्पित किया जा चुका है. सरकार ने सदन में स्वीकार करते हुए कहा था कि केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा भी इस मामले को फॉरेस्ट एडवाइजरी कमेटी की बैठक में रखा जा चुका है. केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. 17 फरवरी 2023 को उक्त समिति को प्रतिवेदन शीघ्र समर्पित करने का अनुरोध किया गया है. इस समिति का स्थल भ्रमण भी निकट भविष्य में संभावित है. भारत सरकार के प्राप्त निर्देश के आलोक में इसको लेकर कार्रवाई की जाएगी.
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