NewDelhi : इंसान के सबसे वफादार दोस्त कहे जाने वाले कुत्तों के साथ मानव के रिश्ते अब पहले जैसे नहीं रहे हैं. दिन प्रतिदिन कुत्तों द्वारा मनुष्यों पर हमलों की घटनाएं बढ़ती चली जा रही हैं. इसी साल जुलाई में लखनऊ में एक पिट्सबुल द्वारा अपनी ही मालकिन को जान से मारने की घटना के बाद देश भर में चर्चाएं शुरू हो गयी हैं. लगातार कुत्तों के हमले बढ़ते जा रहे हैं. बता दें कि परेशानी सिर्फ विदेशी नस्ल के कुत्ते नहीं है. आवारा कुत्ते भी इसमें शामिल हैं.
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रेबीज के मामलों में 99 प्रतिशत केवल कुत्तों के काटने से हो रहे हैं
नोएडा सेक्टर 100 की हाईराइज सोसायटी में सोमवार, 17 अक्टूबर को आवारा कुत्तों ने सात महीने के एक मासूम को नोच-नोचकर जान से मार दिया. इस घटना के बाद कुत्तों को खाना खिलाने वाले डॉग लवर्स और हेटर्स के बीच घमासान छिड़ गया है. खबरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 12 अक्टूबर को एनिमल वेलफेयर बोर्ड से कुत्तों के काटने के 7 साल के आंकड़े और रोकथाम के उपायों की जानकारी मांगी. आंकड़ों के अनुसार हर दिन कुत्ते समेत अन्य जानवर 19,938 लोगों को काट रहे हैं. WHO ने कहा है कि दुनियाभर में होने वाले रेबीज के मामलों में से 99 प्रतिशत केवल कुत्तों के काटने से हो रहे हैं.
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सबसे अधिक कुत्ते उत्तर प्रदेश में हैं
सरकार द्वारा संसद में दी गयी जानकारी के अनुसार, देश में वर्तमान में 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते हैं. इसमें सबसे अधिक कुत्ते उत्तर प्रदेश में हैं जिनकी गिनती 20 लाख से अधिक है. इसके बाद राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की गिनती आती है. आंकड़ों के अनुसार, मणिपुर, दादर व नगर हवेली और लक्षद्वीप में एक भी कुत्ता नहीं है. हाल ही में बढ़ी कुत्तों के काटने की घटनाएं चिंता का विषय है.
एक ओर संविधान के अनुच्छेद द्वारा मिला जीवन का अधिकार है तो दूसरी तरफ पशु क्रूरता से जुड़े कानून हैं, जिसके तहत कुत्तों पर हिंसा करने वालों को जेल तक भेज दिया जाता है. कुत्तों के हमले में हुई मौत पर सरकार भी कोई हर्जाना नहीं देती और घायल का इलाज कराने को लेकर भी कोई नियम नहीं है. ऐसे में कुत्ता प्रेमियों और कुत्ता पीड़ितों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है.
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देश में गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर समेत पालतू जनवर 19.24 करोड़
पालतू पशुओं की बात करें तो देश में गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर समेत पालतू जनवरों की गिनती 19.24 करोड़ है. इसमें से सिर्फ गायों की गिनती ही 14.51 करोड़ है. देश में सर्वाधिक गायें राजस्थान में हैं जिसके बाद महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात में हैं.