Bhubneswar : ओडिशा बोर्ड की 10वीं की परीक्षाएं से शुरू हो चुकी हैं. 10वीं बोर्ड परीक्षा में इस साल 5.8 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. इन परीक्षार्थियों में एक खास शख्स भी है, कंधमाल जिले के बीजद के विधायक अंगद कन्हार. शनिवार की सुबह अन्य छात्रों की तरह उन्होंने भी परीक्षा में भाग लिया. 57 साल के अंगद कन्हार 40 साल पहले मैट्रिक परीक्षा से ड्रॉप आउट थे. इस साल उन्होंने परीक्षा देने का फैसला लिया है. पारिवारिक मजबूरियों के कारण स्कूल छोड़ने के चार दशक से अधिक समय बाद ओडिशा के कंधमाल जिले से बीजद के 57 वर्षीय विधायक अंगद कन्हार सैकड़ों छात्रों की तरह मैट्रिक की परीक्षा देने के लिए एक हाई स्कूल पहुंचे. फूलबनी के एक आदिवासी विधायक कन्हार ने राज्य ओपन स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा के तहत मैट्रिक परीक्षा में भाग लिया.
दोस्तों से प्रेरणा मिली- विधायक अंगद कन्हार
अपने कुछ दोस्तों के साथ परीक्षा देने पहुंचे विधायक कन्हार ने कहा, “मुझे पता चला कि कई लोग 50 वर्ष या उससे अधिक की उम्र में भी परीक्षा में शामिल हुए हैं. इसलिए मैंने बोर्ड परीक्षा देने का फैसला किया. परीक्षा में बैठने या शिक्षित होने के लिए कोई उम्र की बाधा नहीं है.” कन्हार के साथ उनके दो दोस्तों ने भी परीक्षा दी, जिसमें एक सरपंच है. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से कराई जा रही परीक्षा सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई.
स्कूलों में भाग लिए बिना मैट्रिक पास करने का मौका
इस साल उच्च प्रमाणपत्र परीक्षा (एचएससी) परीक्षा के लिए कुल 5,71,909 छात्र उपस्थित हो रहे हैं, जबकि 9378 और 4443 छात्र राज्य मुक्त विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा (एसओएससी) और मध्यम परीक्षा के लिए क्रमश: 3,540 केंद्रों पर लिख रहे हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल, ओडिशा स्टेट ओपन स्कूल की तरहृ 2016 में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत एक स्वायत्त निकाय शुरू किया गया था, जो स्कूल छोड़ने वालों को स्कूलों में भाग लिए बिना मैट्रिक परीक्षा को पास करने का मौका देता है.
नहीं पता कि मैं परीक्षा पास कर पाऊंगा या नहीं
विधायक को पंचायत के सदस्यों और उनके ड्राइवर ने परीक्षा देने के लिए प्रोत्साहित किया. कान्हर ने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं परीक्षा पास कर पाऊंगा या नहीं. लेकिन मैंने मैट्रिक की डिग्री हासिल करने के इरादे से अपना पेपर लिखा था.” बता दें कि 2017 में, कंधमाल जिले के 46 वर्षीय बीजद विधायक राजीव पात्रा ने स्कूल छोड़ने के तीन दशक से अधिक समय बाद मैट्रिक की परीक्षा पास की थी.
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