Ranchi : कोरोना की दूसरी लहर बेहद खतरनाक है. झारखंड में कोविड संक्रमित मरीजों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में यूके स्ट्रेन और डबल वेरियंट वायरस की मौजूदगी पायी गयी है. कुल 52 में से 9 सैंपल में यूके का स्ट्रेन मिला है जबकि 4 सैंपल में डबल म्यूटेंट वायरस पाया गया है. इस रिपोर्ट ने स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है.
52 नमूनों की भुवनेश्वर में करायी गयी जीनोम सीक्वेंसिंग
स्वास्थ्य विभाग ने एक बय़ान जारी कर बताया है कि झारखंड COVID-19 की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. राज्य में फैले SARS-COV 2 वायरस के स्ट्रेन की पहचान करने के लिए विभाग द्वारा कुल पॉजिटिव पाये गये 52 आरटी-पीसीआर नमूनों को भुनवेश्वर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की रीजनल जीनोम सीक्वेंसिंग लेबोरेटरी (RGSL) में जीनोम सीकेवेंसिंग के लिए भेजा था.
जमशेदपुर में यूके स्ट्रेन और डबल वेरियंट का 1-1 मामला
इन नमूनों में से 9 नमूने यूके म्यूटेंट स्ट्रेन के पाये गये और 4 में डबल म्यूटेंट वायरस की मौजूदगी मिली. यूके म्यूटेंट के 8 नमूने रांची जिले से लिये गये थे, और 1 जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) का है. 4 डबल म्यूटेंट नमूनों में से 3 रांची और एक जमशेदपुर का है. इन नमूनों में 5 महिलाओं के और 8 पुरुषों के हैं.
जीनोमिक सर्विलांस प्रोग्राम के अनुसार हुई जांच
भारत सरकार के जीनोमिक सर्विलांस प्रोग्राम के अनुसार नमूनों को -80 °C के तापमान में संग्रहित किया जाता है और 25 से कम सीटी मान वाले सकारात्मक नमूनों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाता है.परिवहन के दौरान नमूनों को सुरक्षित ऱखने के लिए कोल्ड चेन का पालन किया गया. जीनोम अनुक्रमण के लिए ILS, भुवनेश्वर में 52 नमूने भेजे गये.
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से की अपील
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि यह सीक्वेंसिंग भविष्य के लिए बेहतर योजना बनाने और इसके प्रबंधन में मददगार होगी. विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि कोविड -19 से संबंधित गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें, ताकि कोरोना महामारी की चेन को एक साथ मिलकर तोड़ा जा सके औऱ झारखंड में इस बीमारी को फैसले से रोका जा सके.