Washington : कोरोना वायरस के नये वेरिएंट ओमीक्रोन के कारण पूरी दुनिया में हड़कंप है. ओमीक्रोन के केसेज कई देशों में तेजी से बढ़ रहे हैं. बता दें कि दुनिया के अधिकतर हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार आने वाले दिनों में दुनिया ओमीक्रोन के मामलों में इजाफा देखेगी. अमेरिका के टॉप हेल्थ एक्सपर्ट अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के शीर्ष मेडिकल सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची ने अपने यहां कम्युनिटी प्रसार पर मुहर लगा दी है.
एक और वायरलॉजिस्ट का कहना है कि ओमीक्रोन में डेल्टा के मुकाबले वैक्सीन से बचने और फिर से संक्रमित करने की क्षमता कहीं ज्यादा है. डॉ एंथनी फाउची के अनुसार, उनके यहां नया वेरिएंट फैलना शुरू हो गया है. नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीजेज के डायरेक्टर ने कहा, ‘निश्चित ही हमारे यहां कम्युनिटी स्प्रेड (स्थानीय प्रसार) है. उन्होंने ब्लूमबर्ग से बातचीत के क्रम में कम्युनिटी स्प्रेड की पुष्टि की है.
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डॉ फाउची दक्षिण अफ्रीका के हालात पर नजर रखे हुए हैं
फाउची ने कहा, ऐसा नहीं होने वाला कि आप ज्यादा से ज्यादा मामले न देखें. उन्होंने कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका के हालात पर नजर रखे हुए हैं. कोविड काल में ट्विटर पर काफी सक्रिय रहने वाले यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड में इन्फेक्शियस डिपार्टमेंट के चीफ अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ फहीम यूनुस कहते हैं कि ओमीक्रोन के डर की वजह से छुट्टियां कैंसल करने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि अगर आप अनवैक्सीनेटेड हैं तो कोविड आपकी छुट्टियां बर्बाद कर सकता है, चाहे आप जायें या नहीं. उन्होंने सलाह दी, तीसरा शॉट लेकर फुली वैक्सीनेटेड हो जाइए, फ्लाइट में KN95 मास्क पहनिए और दिमाग की शांति के लिए एक-दो रैपिड कोविड टेस्ट भी करवा लीजिए.
ओमीक्रोन की संक्रामकता काफी ज्यादा है
अटलांटा के रालिंस स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में संक्रामक बीमारियों और वैक्सीन की विशेषज्ञ डॉ नताली डीन ने साउथ अफ्रीका में ओमीक्रोन के इतनी तेजी से फैलने की दो संभावित वजहें बताई हैं. उनके अनुसार ओमीक्रोन की संक्रामकता काफी ज्यादा है, ज्यादातर संक्रमण कमजोर आबादी में है.
इसके अलावा इसकी संक्रामकता डेल्टा जैसी है लेकिन इम्युन सिस्टम से बचकर फिर से संक्रमित करने की क्षमता ज्यादा है. कहा कि ओमीक्रोन इन दो संभावनाओं के बीच किसी और वजह से भी इतना संक्रामक हो सकता है.
ओमीक्रोन पर और स्टडी की जरूरत है
सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अभी इस बात के सबूत नहीं है कि ओमीक्रोन बाकी वेरिएंट्स से ज्यादा गंभीर बीमारी देता है. वहां के सरकारी हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी की वैक्सीन और इलाज के तरीके इसपर प्रभावी नहीं होगा, यह नहीं पता है. मंत्रालय ने कहा कि ओमीक्रोन पर और स्टडी की जरूरत है. सिंगापुर की सरकार का आशंका है कि आने वाले कुछ दिनों में दुनियाभर से इसके और मामले सामने आयेंगे.
यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा के डॉक्टर माइकल ओस्टरहोम का कहना है कि ओमीक्रोन जल्द ही डेल्टा की जगह दुनिया में कोविड-19 का सबसे प्रमुख वेरिएंट बन जायेगा. कहा कि इस वेरिएंट का टांसमिशन रेट काफी ज्यादा है मतलब यह एक से दूसरे व्यक्ति में काफी तेजी से फैलता है. हालांकि उन्होंने कहा कि यह कितनी गंभीर बीमारी है, हमें इस बारे में और जानकारी हासिल करने की जरूरत है.