Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने एफिडेविट दायर करने में देर करने पर भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार को 1000 रुपये झालसा के फंड में जमा करने का आदेश दिया है. एनटीपीसी के अधिकारी राकेश नंदन सहाय द्वारा दायर क्रिमिनल रिवीजन पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सुनिल कुमार को झालसा में 1000 रुपये जमा करने का आदेश दिया है. दरअसल हाईकोर्ट द्वारा कई बार काउंटर एफिडेविट दायर करने का निर्देश दिया. लेकिन बचाव पक्ष के द्वारा बार-बार अदालत से समय लेने के बावजूद काउंटर एफिडेविट दायर नहीं किया गया. जिससे नाराज़ होकर हाईकोर्ट ने 1000 रूपये झालसा के फंड में जमा करने की शर्त पर अगली तिथि तक काउंटर एफिडेविट दायर करने का आदेश दिया है.
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इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता की अदालत में हुई. जिसमें प्रार्थी की तरफ से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा. जबकि सुनील कुमार की तरफ से जेएस सिंह अदालत में उपस्थित हुए. यह मामला हज़ारीबाग से जुड़ा हुआ है.
जानें क्या है मामला
दरअसल एनटीपीसी के अधिकारी राकेश नंदन सहाय ने वर्ष 2015 में यह आरोप लगाया था की सुनील कुमार ने उनके साथ मारपीट की है. सुनील कुमार उस वक़्त हज़ारीबाग डीसी के पद पर थे. दोनों के बीच शुरू हुआ आरोप प्रत्यारोप का मामला अदालत की दहलीज तक जा पहुंचा. अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 16 मार्च की तिथि निर्धारित की है और झालसा में जमा किये जाने वाली राशि के लिए 3 मार्च तक का समय दिया गया है.
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