Ranchi: एक तरफ बार काउंसिल के निर्देश पर राज्यभर के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से दूर रहकर अधिवक्ता हेमंत शिकरवार के साथ हुई हिंसक घटना का विरोध कर रहे हैं. वहीँ दूसरी ओर रांची सिविल कोर्ट में काउन्सिल के आदेश का विरोध भी देखने को मिला. रांची सिविल कोर्ट के एक अधिवक्ता आशीर्वाद बेदिया ने पुराने बार परिसर में खीर बंटवाई और रांची जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संजय विद्रोही पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें आज के न्यायिक कार्य के बहिष्कार से जिला न्यायालय के अधिवक्ताओं को दूर रखना चाहिए था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया जिसके कारण अधिवक्ताओं के जीविकोपार्जन पर बुरा असर पड़ा है. उनके मुताबिक, उन्होंने ख़ुशी में नहीं बल्कि दुख में खीर बांटी है ताकि अपनी जीविकोपार्जन करने आये वकील खाली पेट घर न जाएं.
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वहीँ रांची जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संजय विद्रोही ने पलटवार करते हुए कहा है कि जितनी चिंता आशीर्वाद बेदिया को अधिवक्ताओं की है उससे ज्यादा फिक्रमंद वे भी वकीलों के लिए हैं. लेकिन काउन्सिल के निर्देश और अधिवक्ताओं की अस्मिता की रक्षा के लिए कार्य बहिष्कार का यह निर्णय लिया गया है. यह संभव है कि इस निर्णय से किसी व्यक्ति विशेष को तकलीफ हुई होगी लेकिन अधिवक्ता समुदाय के साथ जिस तरह से आये दिन हिंसक घटनाएं हो रही हैं उसका कड़ा विरोध बहुत जरूरी है, ताकि राज्य में अधिवक्ता बिना किसी भय के वकालत कर सकें और निर्भिक होकर न्यायिक कार्यों में हिस्सा ले सकें.
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बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत शिकरवार के ऊपर हुए हमले के खिलाफ राज्य भर के अधिवक्ता आज न्यायिक कार्य से दूर हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रांची समेत अन्य जिलों के अधिवक्ता किसी भी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए.