NewDelhi : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर संत रामानुजाचार्य की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी के बहाने हमला बोला है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी मेड इन चाइना है और न्यू इंडिया चाइना-निर्भर है. इससे पूर्व राहुल गांधी ने मगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में अपने भाषण में मेरे सवालों का जवाब नहीं दिया. राहुल ने कहा हमें चीन और पाकिस्तान के मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा. राहुल ने कहा, “तथ्य यह है कि चीन लद्दाख में और डोकलाम में घुस चुका है. प्रधानमंत्री के अपने भाषण में कई बार जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधने पर राहुल ने कहा कि मेरे परनाना ने देश की सेवा की है,
Statue of Equality is Made in China.
‘New India’ is China-nirbhar?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 9, 2022
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राहुल ने कहा, भाजपा कांग्रेस से डरती है,हम सच बोलते हैं.
मुझे किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. राहुल ने कहा भाजपा, कांग्रेस से डरती है क्योंकि हम सच बोलते हैं. बता दें कि राहुल गांधी ने जिस रामानुजाचार्य की प्रतिमा का जिक्र किया, कहा गया है कि वह मेड इन चाइना है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में शनिवार को 11वीं सदी के वैष्णव संत श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में यहां 216 फुट ऊंची स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी प्रतिमा का अनावरण कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया है. रामानुजाचार्य ने राष्ट्रीयता, लिंग, नस्ल, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर इंसान की भावना के साथ लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किया था.
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सरकार देश के नये भविष्य की नींव रख रही है
श्री रामानुजाचार्य के 1000 वें जयंती समारोह में उनके समानता के संदेश की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार इसी भावना वाले सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ देश के नये भविष्य की नींव रख रही है. उन्होंने कहा, ‘विकास हो, सबका हो, बिना भेदभाव हो. सामाजिक न्याय सबको मिले, बिना भेदभाव मिले. जिन्हें सदियों तक प्रताड़ित किया गया, वह पूरी गरिमा के साथ विकास के भागीदार बनें, इसके लिए आज का बदलता हुआ भारत एकजुट प्रयास कर रहा है. कार्यक्रम के दौरान संत रामानुजाचार्य की जीवन यात्रा और शिक्षा पर थ्रीडी ‘प्रेजेंटेशन मैपिंग’ का भी प्रदर्शन किया गया.
श्री रामानुजाचार्य भारत की एकता और अखंडता की प्रेरणा हैं
यह प्रतिमा पंचधातु’ से बनी है जिसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है और यह दुनिया में बैठी अवस्था में सबसे ऊंची धातु की प्रतिमाओं में से एक है. यह 54-फुट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम भद्र वेदी है. उन्होंने श्री रामानुजाचार्य को भारत की एकता और अखंडता की प्रेरणा करार देते हुए कहा कि उनका जन्म भले ही देश के दक्षिणी हिस्से में हुआ हो, लेकिन उनका प्रभाव पूरे भारत पर है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में एक ओर सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एकता की शपथ दोहरा रही है तो रामानुजाचार्य की ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ समानता का संदेश दे रही है. उन्होंने कहा, ‘यही एक राष्ट्र के रूप में भारत की विशेषता है.’ प्रधानमंत्री ने त्रिदंडी चिन्ना जीयर स्वामी के आश्रम का भी दौरा किया. श्री रामानुजाचार्य की प्रतिमा इसी आश्रम में स्थापित की गई है. प्रधानमंत्री ने आश्रम परिसर स्थित एक यज्ञशाला में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना भी की.