Jamshedpur : विधानसभा सत्र में मंगलवार को जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने सवाल किया कि क्या यह बात सही है कि जमशेदपुर स्थित इंडियन केबुल इंडस्ट्री (इंकैब) नीलामी के कगार पर है और श्रमिकों का बकाया भुगतान नहीं हुआ है. इसे उद्योग विभाग ने सही बताया. सरयू राय ने पूछा कि क्या इंकैब की जमशेदपुर फैक्ट्री की जमीन का मूल मालिक झारखंड सरकार है और इसे टाटा स्टील को पट्टा पर दिया गया है. इसे भी उद्योग विभाग ने सही बताया. तीसरे प्रश्न में विधायक ने पूछा कि बीमार इंकैब के प्रबंधन में कई बार परिवर्तन होने की अवधि में प्रबंधकों की मिलीभगत से फैक्ट्री की कीमती मशीनें और अन्य उपकरण चोरी हो गई है. इस संबंध में श्रमिक संगठन ने गोलमुरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने विधि सम्मत कार्रवाई नहीं की है. इस पर उद्योग विभाग ने आंशिक सहमति जताते हुए कहा कि बीमार इंकैब जमशेदपुर के प्रबंधन में कई बार परिवर्तन होने की अवधि में प्रबंधकों की मिलीभगत से कीमती मशीन व अन्य उपकरण चोरी होने से संबंधित प्राथमिकी इंकैब श्रमिक संगठन द्वारा गोलमुरी थाना में दर्ज नहीं कराई गई है. बल्कि उस आवेदन को गोलमुरी थाना सन्हा संख्या- 19-20 दिनांक 14.10.2020 के रूप में दर्ज किया गया है. यह विधि सम्मत है.
विधायक के कंपनी को पुनर्जीवित करने का सवाल पूछने पर कहा- प्रस्ताव मिलने पर होगी आगे की कार्रवाई
विधायक ने चौथा प्रश्न पूछा कि क्या सरकार इंकैब को पुनर्जीवित करने अथवा इस स्थान पर अन्य उद्योग लगाने, प्रबंधकों पर गोलमुरी थाना में दर्ज चोरी कराने के षड्यंत्र की प्राथमिकी का अनुसंधान करने और श्रमिकों का बकाया भुगतान सुनिश्चित करने का विचार रखती है. यदि भुगतान किया जाएगा तो कब तक. यदि भुगतान नहीं करना है तो क्यों. इसके जवाब में उद्योग विभाग ने कहा कि सरकार द्वारा इंकैब के प्रबंधकों पर गोलमुरी थाना में चोरी कराने के षड्यंत्र की प्राथमिकी का अनुसंधान करने के संबंध में स्थिति स्पष्ट कर दी गई है. झारखंड औद्योगिक नीति 2021 कि कंडिका पांच के तहत पुनर्जीवित करने के लिए प्रस्ताव प्राप्त होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. यह भी उल्लेखनीय है कि इंकैब एक निजी कंपनी है और 16 जून 2021 को एनसीएलटी कोलकाता द्वारा पारित न्यायादेश के आलोक में पंकज कुमार टिबरेवाल को रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल बहाल किया है, कॉरपोरेट डेबटोर के मामले में उचित कार्रवाई कर मजदूरों के बकाया भुगतान या दावा आदि के संबंध में एनसीएलटी कोलकाता को प्रतिवेदन जमा करेंगे. तदनुसार एनसीएलटी कोलकाता द्वारा आदेश पारित किया जाएगा.