रांची के विभिन्न क्षेत्रों में और 45 हजार स्मार्ट मीटर लगने का काम हुआ शुरू, रांची शहरी क्षेत्र में लगाने हैं कुल 3.50 लाख मीटर
Kaushal Anand
Ranchi: पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए एक हजार स्मार्ट मीटर जनवरी से प्री-प्रेड में तब्दील हो जाएंगे. इसे लेकर जेबीवीएनएल आईटी सेल तैयारी कर रहा है. प्री-पेड हो जाने के बाद उसका बिलिंग भी शुरू हो जाएगा, क्योंकि लगाए गए ये मीटर टेस्टिंग पारा मीटर में पास हो गए हैं. इसके साथ ही रांची के अन्य क्षेत्रों में 45 हजार स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो चुका है. मीटर की खेप रांची पहुंच चुका है. शुरुआती टेस्टिंग के बाद से लगाया जाना शुरू कर दिया है. प्रथम चरण में वैसे कंज्यूमरों को प्राथमिकता दी जा रही है जो या तो नया कनेक्शन के लिए आवेदन किया है या फिर जिसने स्मार्ट मीटर को लेकर बुकिंग करायी है. इसके बाद सभी कंज्यूमरों के पुराने मीटर को स्मार्ट मीटर में परिवर्तित कर दिया जाएगा. मालूम हो कि रांची में 18 अक्टूबर से राजभवन सब-स्टेशन के अंतर्गत अपर बाजार सब-डिवीजन में एक हजार मीटर लगाने का काम शुरू हुआ था.
इस तरह काम करेगा प्री-पेड स्मार्ट मीटर, यह होगा फायदा
-इसके लगने के बाद बिजली उपभोक्ता सीधे सेंट्रल कंट्रोलिंग सिस्टम के तहत जुड़ जाएंगे. यानी किसी भी कीमत पर कोई भी उपभोक्ता मीटर की छेड़छाड़ या मीटर बाइपास करके बिजली चोरी नहीं कर पाएगा.
-स्मार्ट मीटर लग जाने के बाद उपभोक्ता प्री-पेड की सुविधा से जुड़ जाएंगे. यानी मोबाइल फोन री-चार्ज करने की तर्ज पर अपना बिजली इस्तेमाल कर पाएंगे.
-अधिक दिनों तक या अधिक बकाया बिजली उपभोक्ता नहीं रख पाएंगे. सेंट्रल कंट्रोलिंग सिस्टम के तहत सारे उपभोक्ताओं के बिजली खपत एवं बकाये पर पैनी नजर रखी जाएगी. अधिक बकाया होने पर तुरंत बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा.
-सारा सिस्टम सरवर, नेट सिस्टम के तहत संचालित होगा. अगर किसी उपभोक्ता के घर बिजली कट होती या लो वोल्टेज की समस्या होती तो उसे किसी को फोन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. स्मार्ट मीटर खुद ही इस समस्या को बिजली निगम कंट्रोलिंग सिस्टम तक पहुंचा देगा. बिजली कट होते ही स्मार्ट मीटर कंट्रोम रूम को सिग्नल भेज देगा. इसके बाद निगम की टीम इसे दुरुस्त करने में जुट जाएगा.
-बिजली उपभोक्ता अपने प्रतिदिन बिजली खपत पर नजर रख सकेंगे. इसके बाद उपभोक्ता अपना मासिक बिल और बिजली खपत की प्लानिंग कर सकते हैं.
-सारी व्यवस्था ऑनलाइन रहेगी. इससे व्यवस्था पारदर्शी रहेगी. आम उपभोक्ता अपनी सारी जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं.