Ranchi : लोहरदगा-लातेहार सीमा पर स्थित बुलबुल जंगल में पिछले 12 दिनों से चल रहा झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ का ऑपरेशन डबल बुल समाप्त हो गया है. इस दौरान नक्सलियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. वर्तमान में हालात यह है कि लोहरदगा-लातेहार सीमा पर अब सिर्फ चार बड़े नक्सली बचे है. जिनमें 15 लाख इनामी रविंद्र गंझू, 15 लाख इनामी छोटू खेरवार, 10 लाख इनामी मुनेश्वर गंझू और दो लाख इनामी लाज़िम अंसारी शामिल है.
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12 दिनों के दौरान 10 बार हुए मुठभेड़
12 दिनों तक चले इस अभियान के दौरान तीन जवान भले ही जख्मी हुए, लेकिन सुरक्षा बलों का हौसला कम नहीं हुआ. लगातार कांबिंग और जबरदस्त घेराबंदी और योजनाबद्ध तरीके से चले इस अभियान ने उक्त इलाके में नक्सलियों की कमर तोड़कर रख दी. ऐसी घेराबंदी की नक्सलियों का राशन-पानी तक रोक दिया, जंगल को सील कर 12 दिनों के भीतर अलग-अलग जगहों पर नक्सलियों से 10 बार आमने-सामने भिड़ंत हुई. ताबड़तोड़ गोलियां भी चलीं. नतीजा यह हुआ कि एक लाख का इनामी एक नक्सली मुठभेड़ में मारा गया, दस लाख के इनामी सहित नौ नक्सली गिरफ्तार किए गए. भारी मात्रा में कारतूस व हथियारों की भी बरामदगी हुई.
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बुलबुल जंगल पर अब सुरक्षा बलों का कब्जा
बुलबुल जंगल पर अब सुरक्षा बलों का कब्जा हो गया है. नौ नक्सलियों की गिरफ्तारी से रीजनल कमांडर रविंद्र गंझू का दस्ता बिखर गया है. इस दस्ते में रविंद्र के अलावा रंथू उरांव, छोटू खरवार और लाजिम अंसारी ही फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. इनको भी दबोचने के लिए पुलिस और सीआरपीएफ की टीम लगातार छापेमारी कर रही है.
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